बिहार के सीवान में लकड़ीनबीगंज ओपी क्षेत्र के पड़ौली पांडेय टोला गांव में तीन दिनों से गायब बच्चे का शव उसके ही पुराने घर के एक बंद कमरे से मिलने के बाद पूरे गांव व आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गयी. पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतक गांव के भोलू पांडेय का पुत्र छोटू कुमार (13) था. वह 15 जून से घर से गायब था. परिजनों द्वारा ओपी पुलिस को सूचना देने के साथ ही उसकी तस्वीर व उसके गुमशुदगी का मामला सोशल साइट्स पर भी डाल लोगों से मदद मांगी गयी. रविवार की सुबह लोगों ने सूचना दी कि पुराने घर के एक बंद कमरे से दुर्गंध आ रही है. परिजन चाबी लेकर वहां पहुंचे व ताले को खोला. जैसे ही दरवाजे को खोला गया, मौजूद लोगों के पैरों तले जमीन खिसक गयी. सामने रस्सी के सहारे फंदे से लटका छोटू का शव देख परिजन बदहवास हो गये.
शव जिस कमरे से बरामद किया गया, उस कमरे में बाहर से ताला बंद था. अब सवाल उठता है कि छोटू ने अगर आत्महत्या ही की तो कमरे का ताला किसने बंद किया. ऐसे में जुटे लोग इस बात की आशंका जता रहे थे कि छोटू की हत्या प्लानिंग के तहत कर उसे आत्महत्या का रूप देने की असफल कोशिश की गयी है. छोटू का परिवार बगल के नये मकान में रहता है, जबकि शव उसके वीरान पड़े दालान से बरामद किया गया. लोग इस बात की भी चर्चा कर रहे थे कि घटना को अंजाम देने वाले दूसरी चाबी बनवा कर घटना को अंजाम दिये होंगे. ऐसे में किसी अपने की भी संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता. फिलहाल अब पूरा मामला पुलिस की जांच पर टिका हुआ है. ओपी पुलिस का मानना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट से कई बातें सामने आयेंगी.
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छोटू का शव देखने के बाद उसके पिता एक ही बात की रट लगाये थे कि आखिर तूने मेरे बेटे को मार ही डाला. अब लोग यह बात जानना चाहते हैं कि पिता की रट में तूने कौन है व उससे छोटू या परिवार की क्या अदावत थी. फिलहाल सब कुछ भविष्य के गर्त में ही छुपा हुआ है. लोगों की नजर अब मृतक के पिता द्वारा दर्ज कराये जाने वाली प्राथमिकी पर ही टिकी है. गांव के लोग जल्द से जल्द यह जानना चाहते हैं कि घर के दुलारे व आसपास के लोगों के चहेते छोटू की हत्या आखिरकार किसने व क्यों की.