ओडिशा रेल दुर्घटना के 16 दिनों बाद बिहार के एक और व्यक्ति की मौत हो गयी है. घायल का इलाज कटक में चल रहा था. बताया जा रहा है कि घायल महेशपुर के सुलेमान मंसूर के पुत्र शोहिल मंसूर(32) का कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी. रेल मंत्रालय व बिहार सरकार की मदद से रविवार को शव उसके पैतृक गांव पहुंचा. शव के घर पर पहुंचते ही परिजनों चीत्कार से पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया. वहां के ट्रॉमा सेंटर में 16 दिनों के इलाज के बाद उसकी मौत शनिवार को हो गयी. शव को ताबूत में पैक कर पीरपैंती भेज कर उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया.
रेल प्रशासन की ओर से बेवा नुरेशा बीबी को 10 लाख रुपये का मुआवजा का चेक हस्तगत कराया गया. शोहील मंसूर अपने पीछे माता पिता सहित पत्नी, दो पुत्र व दो पुत्री छोड़ गया है. वो भागलपुर के पीरपैती का रहना वाला था. घटना के दिन उसके साथ गये व जिंदा सकुशल घर लौटे गांव के चार साथी भी शव के पहुंचने पर मौजूद थे. चारों सहयात्रियों में वजीर व सुलेमान भी घायल हुए थे व इलाज के बाद अपने घरों को लौट आये थे. इन दोनों को भी रेल प्रशासन ने 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि चेक के रूप में दिया. चारों ने बताया कि उन पांचों लोगों के साथ एक नवगछिया का साथी भी था व छहों लोगों का एक साथ टिकट कटाया था, जिसमें नवगछिया वाले की मौत तो घटना के दिन ही हो गयी थी, जबकि एक इलाजरत साथी का शव आज देखने को मिल रहा है.
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कटक में एससीबीएमसीएच के अधीक्षक सुधांशु शेखर मिश्रा ने बताया कि शोहिल मंसूर गंभीर स्थिति में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. हमने उसे बचाने की पूरी कोशिश की. काफी ज्यादा खून बह जाने के बाद उसे गुर्दे की बीमारी हो गयी थी. हालांकि, वो ठीक हो रहा था. मगर अचानक अचानक कार्डियक अरेस्ट के कारण उसकी मौत हो गई.