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मणिपुर हिंसा पर सीएम बीरेन सिंह ने दी चेतावनी, उपद्रव बंद करो वर्ना भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

मणिपुर के पश्चिमी इंफाल जिले में रविवार देर रात 11 बज कर करीब 45 मिनट पर अज्ञात लोगों ने बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें सेना का एक जवान चोटिल हो गया. एक अधिकारी ने बताया कि जवान को लीमाखोंग के सैन्य अस्पताल ले जाया गया और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है.

इंफाल : मणिपुर में तीन मई, 2023 से जारी हिंसा पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने उपद्रवियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि राज्य में हिंसा बंद करो, वर्ना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने रविवार रात पश्चिम इंफाल जिले में अज्ञात लोगों की ओर से बिना किसी कारण के की गई गोलीबारी में सेना के एक जवान के घायल होने के बाद अपने बयान में चेतावनी दी है. इंफाल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि हिंसा को बंद कीजिए, वर्ना परिणाम भुगतने होंगे. मैं लोगों (हथियार थामे मेइती लोगों) से अपील करता हूं कि वे किसी पर हमला न करें और शांति बनाए रखें, ताकि हम राज्य में सामान्य हालात बहाल कर सकें.

रविवार रात 11.45 बजे अज्ञात लोगों ने की गोलीबारी

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर के पश्चिमी इंफाल जिले में रविवार देर रात 11 बज कर करीब 45 मिनट पर अज्ञात लोगों ने बिना उकसावे के गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें सेना का एक जवान चोटिल हो गया. एक अधिकारी ने बताया कि जवान को लीमाखोंग के सैन्य अस्पताल ले जाया गया और उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है.

तड़के तीन बजे तक होती चलती रहीं गोलियां

अधिकारी के अनुसार, घटना लीमाखोंग (चिंगमांग) के कांतो सबाल गांव में घटी. घटना के बाद सेना के जवानों ने इलाके में ग्रामीणों की उपस्थिति का ध्यान रखते हुए सीमित गोलीबारी की. अज्ञात लोगों ने चिनमांग गांव में तीन घरों में आग भी लगा दी, जिसे बाद में सेना ने बुझा लिया. अधिकारी ने बताया कि कुछ देर की शांति के बाद दोपहर दो बज कर करीब 35 मिनट पर कांतो सबाल गांव से अकारण गोलीबारी फिर से शुरू हो गई, जो तीन बजे तक चलती रही.

पलायन करने वालों के लिए घर बनाएगी सरकार

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर राज्य में जारी हिंसा के दौरान अपने घरों से भागे लोगों को वापस लाने के लिए उनकी सरकार 3,000-4,000 अस्थायी घरों का निर्माण करेगी. दिन में कुछ राहत शिविरों का दौरा करने वाले सिंह ने कहा कि ये घर दो महीने में तैयार हो जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग परेशान हैं. राज्य सरकार उन्हें (राहत शिविरों में रह रहे लोगों को) ठहराने के लिए अस्थायी घरों का निर्माण करने जा रही है. ये लोग तब तक वहां रहेंगे जब तक उन्हें उनके मूल स्थानों पर स्थानांतरित करने की स्थायी व्यवस्था नहीं की जाती है. निर्माण सामग्री 10-15 दिनों में इंफाल पहुंच जाएगी. सरकार उन घरों को स्थापित करने के लिए जगह की तलाश कर रही है.

मणिपुर हिंसा में 100 लोगों की मौत

मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच एक महीने से अधिक समय से चल रही जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं. मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है. मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा कि उन्होंने मिजोरम के अपने समकक्ष जोरमथांगा से टेलीफोन पर बातचीत की. उन्होंने कहा कि मैंने उन्हें मिजोरम में रहने वाले मेइती लोगों की चिंताओं के बारे में बताया और उन्होंने मुझे उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया.

Also Read: मणिपुर के सीएम ने की मिजोरम के मुख्यमंत्री से बात, जारी हिंसा पर CM जोरमथांगा ने दिया मदद का भरोसा

11 जिलों में कर्फ्यू, इंटरनेट सेवाएं प्रतिबंधित

इस बीच, असम स्थित मेइती संगठन ने संभवत: सिंह की अपील के बाद सोमवार को असम के सिलचर को मिजोरम की राजधानी आइजोल से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग -306 पर अपनी प्रस्तावित आर्थिक नाकेबंदी रद्द कर दी. मणिपुर सरकार ने 11 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया था और अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं प्रतिबंधित कर दी हैं.

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