Gita Press Vivad: भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने मंगलवार को कहा कि मुस्लिम लीग बिल्कुल धर्मनिरपेक्ष है और आरएसएस (RSS) सांप्रदायिक आज का एजेंडा नहीं है. यह एक एजेंडा है जो नेहरू जी के जमाने का है. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ये विचार जो है वो खानदानी है और ये सोच उनकी रूहानी है. इसलिए मैं एक बार फिर कहना चाहता हूं कि गीता प्रेस, गोरखपुर के मुद्दे पर कांग्रेस ने जो चरित्र दिखाया है, वह उनकी भारत, भारतीय संस्कृति, हिंदुत्व और महात्मा गांधी के आदर्शों के प्रति अवमानना का स्पष्ट प्रमाण है.
बताते चलें कि गोरखपुर के गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है. हालांकि, इसको लेकर राजनीति भी जबरदस्त तरीके से जारी है. कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. जबकि, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने साफ तौर पर कहा है कि कांग्रेस को सनातन से नफरत है, इसलिए वह इसका विरोध कर रही है. इसी कड़ी में भाजपा ने एक बार फिर से कांग्रेस पर तगड़ा प्रहार किया है. भाजपा ने साफ तौर पर कहा है कि गीता प्रेस को लेकर कांग्रेस का जो रुख है, वह भारत, भारतीय संस्कृति और हिंदुत्व के प्रति अनादर दिखाता है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर कहा था कि गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार 2021 देना सावरकर और गोडसे को पुरस्कृत करने जैसा होगा. उन्होंने तर्क दिया कि एक लेखक अक्षय मुकुल ने गीता प्रेस एंड द मेकिंग ऑफ हिंदू इंडिया नामक एक जीवनी लिखी थी. जयराम रमेश ने कहा कि किताब मुकुल के महात्मा गांधी के साथ तूफानी संबंधों और उनके राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक एजेंडे पर उनके साथ चल रही लड़ाइयों का पता लगाता है. यह फैसला वास्तव में एक उपहास है और सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है. हालांकि, कांग्रेस में भी इसको लेकर राय बंटी हुई नजर आ रही है. यूपी से जुड़े कई कांग्रेसी नेताओं का मानना है कि जयराम रमेश को ऐसे बयान देने से बचना चाहिए था.
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