12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अमृतसर: स्वर्ण मंदिर में होने वाली ‘गुरबानी’ को लेकर पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, अब होगा नि:शुल्क प्रसारण

पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया, जिसका उद्देश्य स्वर्ण मंदिर से 'गुरबानी' का प्रसारण और प्रसारण सभी के लिए बिना किसी निविदा के मुफ्त करना है. वहीं इस बिल का एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी और शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने विरोध किया है.

पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया, जिसका उद्देश्य स्वर्ण मंदिर से ‘गुरबानी’ का प्रसारण और प्रसारण सभी के लिए बिना किसी निविदा के मुफ्त करना है .विधानसभा में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ये विधेयक पेश किया. वहीं इस बिल का एसजीपीसी प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी और शिरोमणि अकाली दल के नेताओं ने विरोध किया है जिन्होंने कहा था कि राज्य सरकार के पास ऐसा बिल लाने का अधिकार नहीं है.

कांग्रेस ने किया वाकआउट 

इससे पहले कांग्रेस विधायकों ने अपनी मांगों को लेकर विधानसभा से वाकआउट किया. पार्टी नेताओं ने यह भी कहा है कि राज्य सरकार सिख गुरुद्वारा अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक नहीं ला सकती है.

पवित्र गुरबानी का किसी भी तरह से व्यवसायीकरण न हो- भगवंत मान 

सोमवार को जारी पंजाब सरकार की एक विज्ञप्ति के अनुसार, भगवंत मान ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पवित्र गुरबानी का किसी भी तरह से व्यवसायीकरण न हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अधिनियम को सिख गुरुद्वारा (संशोधन) अधिनियम, 2023 कहा जाएगा और यह आधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से प्रभावी होगा. उन्होंने कहा कि सिख गुरुद्वारा अधिनियम, 1925 में धारा 125 के बाद धारा 125-ए गुरबाणी के मुफ्त सीधा प्रसारण के लिए डाली जाएगी.

निःशुल्क होगा गुरबानी का प्रसारण 

भगवंत मान ने कहा कि अधिनियम में कहा गया है कि यह बोर्ड का कर्तव्य होगा कि वह गुरुओं की शिक्षाओं को निर्बाध (बिना किसी ऑन-स्क्रीन चल रहे विज्ञापनों / विज्ञापनों / विकृतियों के) लाइव फीड (ऑडियो या ऑडियो के साथ-साथ वीडियो) बनाकर प्रचारित करे. श्री हरमंदिर साहिब की पवित्र गुरबाणी सभी मीडिया घरानों, आउटलेट्स, प्लेटफॉर्मों, चैनलों के लिए निःशुल्क उपलब्ध है, जो कोई भी इसे प्रसारित करना चाहता है.

एसजीपीसी के रूख पर मान ने आश्चर्य व्यक्त किया 

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि एक विनम्र और सिख भक्त के रूप में, वह दुनिया भर में गुरबानी के फ्री-टू-एयर प्रसारण के समर्थक हैं. भगवंत मान ने आश्चर्य जताया कि यह कैसे पंथ पर हमला था “क्योंकि वह सिर्फ गुरबाणी के प्रसारण पर एक विशेष चैनल के नियंत्रण का विरोध कर रहे थे, जो पूरी तरह से अनुचित और अनुचित है”.

दुनियाभर में गुरबानी के संदेश को फैलाना उदेश्य- मान 

उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य सरकार के किसी विशेष चैनल या किसी एक व्यक्ति को अधिकार देना नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य दुनिया भर में गुरबानी के संदेश को फैलाना है. मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार इस अधिनियम में संशोधन करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है क्योंकि शीर्ष अदालत ने पहले ही एक फैसले के माध्यम से फैसला सुनाया था कि यह अधिनियम एक अंतर-राज्यीय अधिनियम नहीं है. उन्होंने कहा कि लंबे समय से एसजीपीसी के मामलों में एक ही परिवार का दबदबा था, जिसके कारण सिख पंथ को अपूरणीय क्षति हुई है.

लोग श्री हरमंदिर साहिब की गुरबाणी सुनना चाहते हैं, इसलिए उठाया गया कदम 

मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि लोग श्री हरमंदिर साहिब की गुरबाणी सुनना चाहते हैं, इसलिए उन्हें इस चैनल को सब्सक्राइब करना पड़ा. विज्ञप्ति के अनुसार, भगवंत मान ने कहा कि अधिनियम “पंथ पर हमला नहीं है, बल्कि यह दुनिया भर में पवित्र गुरबानी के मुफ्त प्रसारण को सुनिश्चित करने का एक विनम्र प्रयास है”

Also Read: पंजाब, छत्तीसगढ़ और इन राज्यों से अनाज खरीदेगा कर्नाटक, डीके शिवकुमार ने कहा राजनीति न करे केंद्र

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें