मनोज कुमार, पटना. बिहार में 17491 सहकारी समितियों को समाप्त कर दिया गया है. राज्य में अब 25487 सहकारी समितियां ही रह गयी हैं. पैक्स, डेयरी और मत्स्यजीवी सहयोग समितियों को छोड़कर राज्य में अब 8884 अन्य तरह की समितियां बच गयी हैं. पूर्व में राज्य में कुल 42985 सहकारी समितियां थीं. इनमें लंबे समय से कई समितियां सक्रिय नहीं थीं. उनके माध्यम से काम नहीं हो रहा था. झारखंड और बिहार के बंटवारे के बाद कई समितियों का औचित्य ही खत्म हो गया था. इस कारण इन समितियों को बंद कर दिया गया.
औद्योगिक सहयोग समिति, शीत भंडार, ग्रामोदय, तेल उत्पादक, ताड़ गुड़ उत्पादक, सिंचाई सहयोग समिति, संयुक्त सहयोग कृषि, नाव यातायात, चर्मकार सहयोग तथा सर्वोदय सहयोग समिति को समाप्त कर दिया गया है.
राज्य में अब सिर्फ आठ एससी-एसटी सहकारी समितियां हैं. इनमें लखीसराय-मुजफ्फरपुर में एक-एक तथा नालंदा व पटना में तीन-तीन समितियां हैं. दरभंगा व सीवान में एक भी महिला कल्याण समिति नहीं है. पूर्णिया में सबसे अधिक 145 महिला कल्याण समितियां हैं. राज्य में जूट की एक भी समिति नहीं है. पूर्वी चंपारण, जमुई, कटिहार, लखीसराय, नालंदा, पटना, रोहतास, सहरसा, सीतामढ़ी, वैशाली और पश्चिमी चंपारण छोड़कर किसी भी जिले में परिवहन समितियां अब नहीं हैं. राज्य में अब सबसे अधिक 2217 हाउसिंग सोसायटी है. पटना को छोड़कर राज्य में कहीं भी पर्यटन समिति नहीं है. पटना में पांच पर्यटन समितियां हैं.
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जिला – समिति
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पटना – 4033
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सीतामढ़ी – 610
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नालंदा – 422
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जमुई – 396
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वैशाली – 290
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औरंगाबाद – 269
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लखीसराय – 214
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रोहतास – 193
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पूर्वी चंपारण – 182
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दरभंगा – 181
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पूर्णिया – 172
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नवादा – 166
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मुजफ्फरपुर – 144
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बेगूसराय – 129
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पश्चिमी चंपारण – 126
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सहरसा – 124
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भागलपुर – 112
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कैमूर – 105
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मधुबनी – 105
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सीवान – 82
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गया – 76
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सारण – 72
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गोपालगंज – 72
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सुपौल – 66
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समस्तीपुर – 65
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बक्सर – 53
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कटिहार – 51
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अरवल – 50
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खगड़िया – 48
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भोजपुर – 46
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मुंगेर – 43
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शेखपुरा – 40
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बांका – 37
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मधेपुरा – 34
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जहानाबाद – 25
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शिवहर – 22
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किशनगंज – 20
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अररिया – 00
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राज्य में 8463 पैक्स, 7628 डेयरी और 485 मत्स्यजीवी समितियां हैं.