इस्लामाबाद : पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक नया पैंतरा बदला है. उन्होंने कहा कि जिस समय वे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, तब भारत के साथ कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए काम कर रहे थे. इसके लिए भारत की मोदी सरकार कश्मीर मुद्दे के लिए एक रोडमैप पेश करने वाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान भी आते. उन्होंने दावा किया कि इस शांति प्रस्ताव का पाकिस्तानी सेना के पूर्व प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने भी समर्थन दिया था.
कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर भी शांति चाहता था पाकिस्तान
अमेरिकी थिंक टैंक अटलांटिक काउंसिल को दिए एक साक्षात्कार में इमरान खान ने दावा किया कि भारत ने जब अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था, उस वक्त भी पाकिस्तान अपने पड़ोसी देश के साथ शांति स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ना चाह रहा था, लेकिन पाकिस्तानी सेना की ओर से समर्थन वापस ले लेने के बाद हमारी सरकार गिर गई. बताते चलें कि सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद ही इमरान खान और जनरल कमर जावेद बाजवा के रिश्तों में खटास पैदा हो गई.
इमरान खान ने बाजवा पर साधा निशाना
साक्षात्कार में उन्होंने पूर्व सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के उस बयान की निंदा भी की, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की सेना भारत से मुकाबले के लिए तैयार नहीं है और उसके पास हथियारों की कमी है. फिलहाल, इमरान खान और कमर जावेद बाजवा के रिश्ते काफी खराब हो चुके हैं.
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पीएम मोदी की पाकिस्तान में करता स्वागत
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आगे कहा कि कमर जावेद बाजवा की कश्मीर को लेकर बनाई गई योजना पर सहमति थी. योजना में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्ष विराम जारी रखना, द्विपक्षीय व्यापार के लिए बातचीत शुरू करना और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्रा शामिल थी. उन्होंने कहा कि मुझे कोई व्यापारिक वार्ता याद नहीं है. मुझे जो पता है, वह यही है कि भारत किसी चीज के बदले कुछ दूसरी राहत देने जा रहा था. भारत हमें छूट देता और कश्मीर को लेकर एक रोडमैप पेश किया जाता. मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान में स्वागत करने वाला था.