पटना. केंद्र सरकार की ओर से एडीशनल सॉलीसीटर जनरल डा केएन सिंह ने पटना हाइकोर्ट को बताया कि दानापुर बिहटा एलिवेटेड रोड के निर्माण में कई तरह की अड़चनें सामने आ रही है. निर्माण के लिए राज्य सरकार ने अब तक मात्र दस प्रतिशत जमीन का ही अधिग्रहण किया है. उनका कहना था कि जमीन अधिग्रहण करने का काम राज्य सरकार का है और अब तक राज्य सरकार 90 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण करने में नाकाम रही है.
वहीं राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि हर बार एनएचएआई की ओर से मौखिक बात कोर्ट को बताई जाती है. उन्होंने कहा कि जो भी बाते कहना है वह हलफनामा पर कहे ताकि राज्य सरकार कि ओर से उठाये गए हर सवाल का जवाब दिया जा सकें.
अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि इस एलिवेटेट सड़क के निर्माण के लिए राज्य सरकार पूरा खर्च वहन करने को तैयार है. राज्य सरकार ने करीब तीन सौ करोड़ रुपया एनएचएआइ के पास जमा भी करा दिया है. एनएचएआइ को निर्माण कम्पनी का चयन कर नियुक्त करना है लेकिन एनएचएआइ निर्माण एजेंसी को नियुक्त नहीं कर रही है.
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यह पूरी जानकारी मुख्य न्यायाधीश के विनोद चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को इस मामले की सुनवाई के दौरान दी गई. कोर्ट ने एनएचएआइ को कहा की वह पूरे तथ्य को हलफनामा के साथ 19 जूलाई तक कोर्ट में दें ताकि इस पर एनएचएआई से जवाब मांगा जा सके. कोर्ट ने मामले को अगली सुनवाई के लिए 19 जुलाई तय किया है.