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राजस्थान पेपर लीक : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने प्राइवेट स्कूल के मालिक को किया अरेस्ट

ईडी ने अदालत को सूचित किया कि रामकृपाल मीणा उन प्रमुख व्यक्तियों में शामिल था, जिन्होंने रीट परीक्षा प्रश्नपत्र को लीक करने की साजिश रची थी और इसमें मदद की थी. ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि उसने अपराध से हासिल धन को एकत्र करने और उसे सफेद धन में बदलने में अन्य लोगों के साथ सांठगांठ की थी.

जयपुर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) 2021 का प्रश्नपत्र कथित रूप से लीक होने के मामले से जुड़ी अपनी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के तहत बुधवार को जयपुर स्थित एक प्राइवेट स्कूल के मालिक को गिरफ्तार कर लिया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रामकृपाल मीणा को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लेकर जयपुर की एक विशेष अदालत में पेश किया गया. अदालत ने आरोपी को 27 जून तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया.

रामकृपाल मीणा ने रची थी साजिश

प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत को सूचित किया कि रामकृपाल मीणा उन प्रमुख व्यक्तियों में शामिल था, जिन्होंने रीट परीक्षा प्रश्नपत्र को लीक करने की साजिश रची थी और इसमें मदद की थी. ईडी ने अदालत को यह भी बताया कि उसने अपराध से हासिल धन को एकत्र करने और उसे सफेद धन में बदलने में अन्य लोगों के साथ सांठगांठ की थी. आरोप है कि रामकृपाल मीणा ने (पांच करोड़ रुपये में से) करीब 1.03 करोड़ रुपये काले धन को सफेद में बदला.

उप जिला समन्वयक नियुक्त किया गया था रामकृपाल मीणा

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रामकृपाल मीणा जयपुर के एक प्राइवेट स्कूल का मालिक है. सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रदीप पराशर ने तीन अन्य के साथ उसे रीट 2021 के लिए जयपुर का उप जिला समन्वयक नियुक्त किया था. ईडी ने मीणा की हिरासत का आग्रह करते हुए अदालत से कहा कि पराशर को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (आरबीएसई), अजमेर ने उक्त परीक्षा के लिए जिला समन्वयक नियुक्त किया था.

स्ट्रॉन्ग रूम से चुराया था प्रश्नपत्र

जांच एजेंसी ने दावा किया कि रामकृपाल मीणा ने पराशर के साथ सांठगांठ कर पांच करोड़ रुपये के लालच में (अन्य आरोपी) उदाराम बिश्नोई के साथ मिलकर प्रश्नपत्र लीक करने का सौदा किया. ईडी का आरोप है कि रीट 2021 के प्रश्न पत्र को रामकृपाल मीणा ने 24 सितंबर 2021 की रात को जयपुर के शिक्षा संकुल के ‘स्ट्रॉन्ग रूम’ से चुराया. केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में सामने आया है कि आरबीएसई के नियमों के तहत प्रश्नपत्र को कोषागार या उपकोषागार या जिले के किसी थाने में रखा जाना था, लेकिन जयपुर में इस निर्देश का ‘पालन’ नहीं किया गया. ईडी ने आरोप लगाया कि बिश्नोई ने बिचौलियों की मदद से विभिन्न अभ्यर्थियों से रकम ली और प्रश्न पत्र उन्हें सौंप दिया.

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अब तक 62 लोग किए गए गिरफ्तार

राजस्थान पुलिस के विशेष अभियान समूह (एसओजी) ने रामकृपाल मीणा, सेवानिवृत्त प्रोफेसर प्रदीप पराशर और उदाराम बिश्नोई समेत कुल 62 लोगों को गिरफ्तार किया है और उनके खिलाफ तीन आरोप पत्र दायर किए गए हैं. ईडी ने कथित प्रश्न पत्र लीक करने के तरीके का पता लगाने और अचल संपत्तियों के विभिन्न दस्तावेजों को मीणा को दिखाकर पूछताछ करने के लिए उसकी हिरासत की मांग की थी. एजेंसी ने मंगलवार को जयपुर में उसके परिसरों पर छापेमारी की थी जिसमें ये दस्तावेज मिले थे. ईडी ने अदालत से कहा कि यह पता लगाने के लिए मीणा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत है कि उसने किस-किस से पैसा लिया और पैसा हासिल करने में कौन कौन शामिल थे.

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