दुमका के एमपी-एमएलए कोर्ट ने आदर्श चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के एक मामले में भाजपा के गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे, देवघर के विधायक नारायण दास और देवघर में ही भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिवाकर प्रसाद गुप्ता को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. दुमका के अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सह एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश जितेन्द्र राम की अदालत में शुक्रवार को यानी आज यह फैसला सुनाया गया.
साक्ष्य के अभाव में हुए बरी
अदालत ने जसीडीह थाना कांड संख्या 213/2019 (जीआर केस नम्बर 903/2021) मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस सुनने के बाद सांसद डॉ निशिकांत दुबे, देवघर के विधायक नारायण दास और पूर्व जिलाध्यक्ष दिवाकर प्रसाद गुप्ता को साक्ष्य के अभाव में बरी करने का फैसला सुनाया. इनकी ओर से अधिवक्ता मनोज कुमार साह ने पैरवी की और बहस में हिस्सा लिया.
अधिवक्ता मनोज कुमार साह ने क्या कहा
अधिवक्ता मनोज कुमार साह के अनुसार वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता उल्लंघन को लेकर देवघर जिले के जसीडीह थाना में देवघर के पूर्व अनुमंडल पदाधिकारी विशाल सागर के लिखित आवेदन पर गोड्डा के सांसद और भाजपा प्रत्याशी डॉ निशिकांत दुबे, देवघर के भाजपा विधायक नारायण दास और भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दिवाकर गुप्ता के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत कांड संख्या 213/2019 दर्ज की गयी थी.
दर्ज प्राथमिकी में गोड्डा के भाजपा प्रत्याशी सह सांसद सहित तीनों आरोपियों पर पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान 11अप्रैल 2019 को जसीडीह थाना क्षेत्र के कोयरीडीह गांव में दुर्गा मंदिर प्रांगण में आयोजित भोज में शामिल होने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में तीनों को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया.
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