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कोयले के आयात को कम करना सबसे बड़ी चुनौती, बोले सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद

सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद ने प्रभात खबर से विशेष बातचीत में कहा कि आगामी 25-30 साल तक कोयला और कोल सेक्टर का महत्व खत्म नहीं होने वाला है. आने वाले समय में कोल सेंटर में विदेश से आने वाले कोयले के आयात को कम करना है.

बेरमो (बोकारो), राकेश वर्मा : सीसीएल के सीएमडी और एक जुलाई, 2023 से कोल इंडिया के होने वाले नये चेयरमैन पीएम प्रसाद ने प्रभात खबर से खास बातचीत में कहा कि कोयला उद्योग में फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती आने वाले समय में कोल सेंटर में विदेश से आने वाले कोयले के आयात को कम करना है. जल्द ही कई ऐसी माइंस चालू होने जा रही है, जिससे कोल इंडिया को प्रचुर मात्रा में कोकिंग कोल उपलब्ध होगा. फिलहाल 200 मिलियन टन कोयला विदेशों से आता है. उसे दो साल में कम करना है.

आगामी 30 साल तक कोयले और कोल सेक्टर का महत्व खत्म नहीं होगा

सीसीएल सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा कि आयात को कम करते हुए हर हाल में कोकिंग कोल का उत्पादन बढ़ाएंगे. बीसीसीएल में भी कोकिंग कोल बढ़ेगा. एक सवाल के जवाब में कहा कि विंड पावर, न्यूक्लियर पावर, सोलर एनर्जी, हाइडल पावर आदि आ रहे हैं. इसके बावजूद फिलहाल अगले 25-30 साल तक कोयला और कोल सेक्टर का महत्व खत्म नहीं होगा. दुनिया में भारत तीसरा देश है जहां सबसे अधिक कोल रिजर्व है. वर्तमान में कोल इंडिया हर साल 800 मिलियन टन के करीब कोयला उत्पादन कर रही है. यह अभी और आगे जायेगा.

सीसीएल में कोयला उत्पादन की बहुत क्षमता

उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सीसीएल को 135 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना है. इस बार 84 मिलियन टन और उसके बाद सौ मिलियन टन उत्पादन का टारगेट है. कहा कि सीसीएल में कोयला उत्पादन की बहुत क्षमता है. नया माइंस चंद्रगुप्त एवं अन्य माइंस शीघ्र उत्पादन की कड़ी में जुड़ेंगे. कहा कि झारखंड के सीसीएल क्षेत्र में काम करने का माहौल है. मगध एरिया में भी कोयला उत्पादन की अपार क्षमता है.

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कारो बस्ती खाली होने से उत्पादन बढ़ेगा

सीसीएल सीएमडी ने कहा कि सीसीएल बीएंडके एरिया अंतर्गत कारो परियोजना के कारो बस्ती खाली होने से उत्पादन बढ़ेगा. इस एरिया में आने वाले 20-25 साल तक कोयला उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं. बगैर डीआरएंडआरडी को चालू किये दूसरे माइंसों से प्रचुर मात्रा में हमें कोयला प्राप्त होगा. कहा कि बीएंडके एरिया का एकेके आज सालाना आठ मिलियन टन का प्रोजेक्ट हो गया है. कारो माइंस विस्तार के बाद आने वाले समय में यह भी सालाना 10-11 मिलियन टन का परियोजना होगा.

पावर प्लांट में कोयले की मांग बढ़ी

उन्होंने कहा कि ढोरी एरिया के कई माइंस का विस्तार फॉरेस्ट क्लीयरेंस के कारण रुका हुआ है. बंद पिछरी चालू हो जाने के बाद अच्छा माइंस बन सकता है. कल्याणी माइंस विस्तार के लिए भी फोरेस्ट क्लीयरेंस लेना है. कथारा एरिया का गोविंदपुर सालाना ढाई मिलियन टन का माइंस हो जायेगा. जारंगडीह में प्रोडक्शन बढ़ा है. कथारा और कबरीबाद भी चालू हुआ है और गिरिडीह को चालू करेंगे. कहा कि 20-25 साल तक इन्हीं माइंसों में कोयला है. सीसीएल के माइंसों में बारिश की तैयारी पूरी कर ली गयी है. कोल इंडिया और सीसीएल के पास पर्याप्त कोल स्टॉक मौजूद है. पावर प्लांट में कोयले की मांग बढ़ी है.

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