विपक्षी पार्टियों की पटना में हुई बैठक में तमाम नेताओं ने इस बात पर सहमति जाहिर की कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक ढांचे पर खतरा मंडरा रहा है. हिंदुस्तान की पहचान को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में जरूरी है कि राज्यों में सक्रिय राजनीतिक पार्टियां बड़े लक्ष्य को साधकर काम करें और 2024 के संसदीय चुनाव में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करायें. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की बैठक में कश्मीर से कन्याकुमारी तक सक्रिय पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व की भागीदारी हुई. बैठक के बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग पार्टियों ने अपनी बात रखी.
गैर भाजपायी दलों की बैठक में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के खिलाफ सभी को गोलबंद होने का आह्वान किया. बैठक ठीक 12 बजे आरंभ हुई तो सबसे पहले नीतीश कुमार ने इस बैठक के उद्देश्य को लेकर चर्चा की. मुख्यमंत्री ने सभी नेताओं को पटना पहुंचने के लिए धन्यवाद दिया. गैर भाजपायी दलों के मैराथन बैठक का लब्बोलुआब यह रहा कि सीटों के तालमेल को लेकर हर दल कुछ न कुछ कुर्बानी देने को तैयार हैं. सबसे बड़ी बात कि विपरीत धूरी के बावजूद पंद्रह दलों के शीर्ष नेता एक साथ बातचीत को बैठै और आगे भी बैठने को तैयार हुए.
करीब आघे घंटे की अपनी बात में नीतीश कुमार ने सभी दलों को बताया कि यदि हम साथ चुनाव मैदान में जायें तो भाजपा को परास्त करना आसान हो जायेगा. नीतीश कुमार के बाद सभी नेताओं ने बारी-बारी से अपनी बात कही. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश का मसला उठाया तो सभी दलों ने उन्हें साथ देने का वायदा किया. अंत में कांग्रेस की बारी आयी. अंतिम संबोधन राहुल गांधी ने दिया.
राहुल गांधी ने भाजपा के खिलाफ एक जूट होने के नीतीश कुमार की पहल की सराहना करते हुए सभी दलों को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस उनके साथ खड़ी है. अपने संक्षिप्त बयान में राहुल ने कहा कि हम सब एक साथ खड़े हैं. थोड़ी बहुत गुंजाइश होगी फिर भी एक साथ काम करेंगे. लंबा संबोधन पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का हुआ. उन्होंने बंगाल से कर राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा सरकार के फैसलों की फेहरिस्त गिनायी, जिससे गैर भाजपा दलों को परेशानी उठानी पड़ रही है.
विपक्षी दलों की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सबसे पहले बाहर निकली. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बारी बारी से नेताओं को अनुरोध किया जा रहा था. ममता बनर्जी के बाद शरद पवार, उद्धव ठाकरे की बारी आयी. इसके बाद सीपीआइ के डी राजा ने अपनी बात रखी . लेकिन इसके पहले सीपीएम के सीताराम येचुरी की बात आती, ममता बनर्जी सीट पर से उठ खड़ी हुई और थंडरस्टार्म आने की बात कह लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विदा लेकर बाहर निकल गयी. थोड़ी देर बाद अपनी बात कह सीताराम येचुरी भी जने को तैयार हुए लेकिन, उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोका तो वह मान गये.