धनबाद के मंडल रेल अस्पताल में कार्यरत अस्पताल सहायक बसंत उपाध्याय ने डीआरएम कमल किशोर सिन्हा पर अपने कार्यालय में बुलाकर उनके कपड़े उतरवाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि गुरुवार को डीआरएम की पत्नी दांतों की जांच कराने लिए अस्पताल पहुंची थीं. इस दौरान उन्होंने उन्हें चप्पल उतार कर डॉक्टर के चेंबर में जाने को कहा था. इससे वह नाराज हो गयीं. बसंत उपाध्याय का आरोप है कि डीआरएम की पत्नी के जाने के कुछ देर बाद रेलवे अस्पताल के सीएमएस को कहीं से फोन आया. फोन आने के बाद सीएमएस उसे साथ लेकर डीआरएम कार्यालय गये.
उपाध्याय का आरोप है कि डीआरएम के चेंबर में उन्हें डांट-फटकार के साथ चार्जशीट की धमकी दी गयी. इतना ही नहीं, वहीं पर उनके सारे कपड़े उतरवा लिये गये और उन्हें चेंबर से बाहर निकाल दिया गया. इस वजह से वह निर्वस्त्र घर लौटे. इधर, डीआरएम ने कहा कि आरोप बेबुनियाद है. उक्त कर्मी ने क्यों ऐसा आरोप लगाया इसकी वह जांच करायेंगे. इधर, देर शाम एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर एडीआरएम आशीष कुमार ने कहा है कि अस्पताल सहायक बसंत उपाध्याय ने पूर्व मध्य रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष के साथ दुर्व्यवहार किया, पूछताछ के लिए बुलाने पर भी नहीं आया.
शुक्रवार की सुबह करीब नौ बजे बसंत उपाध्याय रेलवे अस्पताल पहुंचे. उनके साथ उनके बच्चे भी थे. बच्चों ने पहले पिता के साथ हुई घटना की जानकारी उनके सहकर्मियों को दी. बताया कि गुरुवार को डीआरएम कार्यालय से लौटने के बाद से उनके पिता अवसाद में हैं. सहकर्मियों द्वारा पूछने पर बसंत ने मामले के बारे में बताना शुरू किया. इसी क्रम में वह रेलवे अस्पताल में ही बेहोश हो गये. इस पर चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें प्राइवेट अस्पताल असर्फी हॉस्पिटल रेफर कर दिया.
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इधर, घटना की जानकारी मिलने पर शुक्रवार को रेल अस्पताल के सभी कर्मी विरोध में धरना पर बैठ गये. उन लोगों ने करीब ढाई घंटे तक कामकाज ठप रखा. इससे ओपीडी समेत अस्पताल की सभी सेवाएं ठप हो गयीं. इस पर उन्हें समझाने के लिए एडीआरएम ऑपरेशन आशीष झा और सीनियर डीसीएम अमरेश कुमार अस्पताल पहुंचे, पर वह नहीं माने. बाद में वहां पहुंचे अस्पताल के सीएमएस ने लिखकर दिया कि भविष्य से ऐसा नहीं होगा, तब कर्मी काम पर लौटे. ज्ञात हो कि मामला डीआरएम की पत्नी से जुड़ा होने के कारण कोई भी अधिकारी इस बारे में कुछ भी कहने से परहेज करता रहा.
मंडल रेल अस्पताल के कर्मियों का आंदोलन समाप्त करवाने पहुंचे सीएमएस डीएल चौरसिया ने सभी के सामने यह बात मानी कि डीआरएम ने आवेश में आकर अस्पताल के सहायक कर्मी से कपड़े उतरवाने की बात कही थी, पर ऐसा कुछ हुआ नहीं था.
दूसरी ओर डीआरएम कमल किशोर सिन्हा ने उन पर लगाये गये सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने कहा कि अस्पताल कर्मी को उन्होंने अपने कार्यालय बुलाया था. उससे सवाल-जवाब किया गया. कपड़े उतरवाने की बात बिल्कुल गलत है. कर्मी ने उनपर ऐसा आरोप क्यों लगाया, इसकी वह जांच करायेंगे.
एडीआरएम आशीष कुमार ने कहा कि अस्पताल सहायक ने पूर्व मध्य रेलवे महिला कल्याण संगठन की अध्यक्ष के साथ दुर्व्यवहार किया था. जिसके बाद उसे काउंसलिंग के लिए डीआरएम कार्यालय बुलाया गया. लेकिन वो नहीं आया. गुरुवार को उसने इस संबंध में किसी रेल अधिकारी से संपर्क भी नहीं किया. शुक्रवार को उसके आरोप के आलाेक में पूछताछ करने पर वो झिझकने लगा. उसके खिलाफ निलंबन सहित कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई अभी तक शुरू नहीं की गयी है.