Varanasi: भगवान भोलेनाथ की नगरी काशी में काशी में सावन माह को लेकर अभी से तैयारियां की जा रही हैं. काशी विश्वनाथ के भक्तों के लिए इस बार सावन बेहद खास होगा, क्योंकि उन्हें अपने आराध्य के भव्य स्वरूप के दर्शन होंगे. इससे बाबा विश्वनाथ की सुंदरता देखने लायक होगी.
सावन के पहले सोमवार पर बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा का शृंगार किया जाएगा. दूसरे सोमवार पर गौरी शंकर (शंकर पार्वती), तीसरे सोमवार को अमृत वर्षा शृंगार, चौथे सोमवार को भागीरथी शृंगार, पांचवे सोमवार को तपस्यारत पार्वती शृंगार, छठवें सोमवार को शंकर पार्वती गणेश शृंगार, सातवें सोमवार को अर्धनारीश्वर शृंगार और आठवें सोमवार को रुद्राक्ष शृंगार किया जाएगा. एक अगस्त को मासिक पूर्णिमा शृंगार और 31 अगस्त को वार्षिक झूला शृंगार किया जाएगा.
इसके साथ ही काशी विश्वनाथ की आरती को लेकर भी अहम निर्णय किया गया है. काशी विश्वनाथ की मंगला आरती का टिकट सावन के सोमवार के दिन दो हजार का मिलेगा. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर ये निर्णय किया गया है. वर्तमान में मंगला आरती का टिकट एक हजार रुपए है.
इसके अलावा रुद्राभिषेक एक शास्त्री से कराने पर 700 रुपये और पांच शास्त्रियों से कराने पर 3000 रुपये देने होंगे. इसी तरह सावन सन्यासी भोग के लिए सावन के सोमवार के दिन 7500 रुपये देने होंगे.
खास बात है कि अधिमास के कारण इस बार सावन दो माह का होगा. इस वजह से इसमें आठ सोमवार पड़ेंगे. वहीं सावन माह की शुरुआत चार जुलाई से होगी. मुख्य कार्यपालक अधिकारी के मुताबिक सुगम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 750 रुपए और सावन के सोमवार को शृंगार के लिए 20 हजार रुपए खर्च करने होंगे.
इसके साथ ही सावन मास में काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा-सुरक्षा, प्रवेश-निकास आदि पर विशेष नजर रखने की रणनीति बनाई जा रही है। हर वर्ष की तरह ही गोदौलिया, मैदागिन, दशाश्वमेध व गंगा घाट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने का मार्ग तय कर दिया गया है.
सावन में काशी विश्वनाथ धाम आने वाले शिव भक्तों का भव्य स्वागत होगा. मंदिर के सभी प्रवेश द्वार पर भक्तों की अगवानी पुष्पवर्षा से होगी. सावन में देश विदेश से श्रद्धालुओं के काशी पहुंचने की उम्मीद है. इसके मद्देनजर मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की अगवानी के लिए धाम परिसर को तैयार किया जा रहा है. धाम परिसर में धूप और बारिश से बचाव के लिए पहले ही जर्मन हैंगर लगाया गया है.
हर वर्ष की तरह ही गोदौलिया, मैदागिन, दशाश्वमेध व गंगा घाट से आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए आने-जाने का मार्ग तय कर दिया गया है. जो जिस मार्ग से प्रवेश करेगा, दर्शन के बाद उसी मार्ग से निकलेगा. साउंड सिस्टम से लैस सुविधा केंद्र और सहायता केंद्र बनाए जाएंगे. अन्य शिव मंदिरों में भी सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया जाएगा.