भारत नेपाल सीमा पर स्थित महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली वाल्मीकि नगर के टाइगर रिजर्व क्षेत्र (Valmiki Tiger Reserve) में जंगल सफारी की चाहत रख पहुंचने वाले पर्यटकों को अब निराशा और मायूसी का सामना करना पड़ेगा. वन विभाग के द्वारा पर्यटकों के लिए ये सुविधा अभी बंद कर दी गयी है. वन विभाग के द्वारा बताया गया है कि मॉनसून सीजन में पर्यटक अब जंगल सफारी का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे. ना ही जंगल सफारी के दौरान शाकाहारी और मांसाहारी वन्यजीवों के दीदार की चाह अब कुछ समय तक उनकी पूरी हो पायेगी. अमूमन मानसून सीजन में प्रत्येक वर्ष टाइगर रिजर्व के द्वारा जंगल सफारी की सुविधा पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाती है. किंतु इस वर्ष माॅनसून सीजन लेट होने के कारण अब तक पर्यटकों को जंगल सफारी की सुविधा उपलब्ध थी. किंतु बीते दो दिनों से हो रही लगातार रुक-रुक कर बारिश के कारण वन क्षेत्र के कच्चे मार्ग जंगल सफारी के लिए अब अनुकूल नहीं रह गए है.
वाल्मीकि नगर वन क्षेत्र पदाधिकारी अवधेश प्रसाद सिंह ने बताया कि हो रही बारिश को देखते हुए टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी की सुविधा पर फिलहाल रोक लगा दी गई है. मॉनसून सीजन के बाद विभागीय आदेश से फिर जंगल सफारी की सुविधा पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. शेष अन्य सुविधाएं पूर्व की तरह टाइगर रिजर्व में बहाल रहेंगी. उन्होंने बताया कि बारिश के दिनों में वन क्षेत्र का संवर्धन होता है. इसके साथ ही, कई प्राणियों के प्रजनन का भी वक्त होता है. ऐसे में जंगल सफारी से उनको परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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मानसून की बारिश के बाद आमतौर पर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का पर्यटन सत्र हर वर्ष 15 अक्टूबर को शुरू हो जाता है. हालांकि, अगर बारिश का सीजन लंबा खिंचता है तो नवंबर के पहले सप्ताह से इसे खोला जाता है. इस वर्ष भी बड़ी संख्या में पर्यटक वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पहुंचे थे.