17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

‘आपातकाल… काले अध्याय के 48 साल’, जयशंकर ने इमरजेंसी को लेकर कही बड़ी बात

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को एक ट्वीट में आपातकाल को यकाद करते हुए 1975 में देश पर लगाए गए आपातकाल के काले दिनों को याद किया. उन्होंने लिखा "आपातकाल की घोषणा की सालगिरह पर, उन काले दिनों को याद करें और देश ने इस चुनौती पर कैसे काबू पाया,''.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को एक ट्वीट में आपातकाल को यकाद करते हुए 1975 में देश पर लगाए गए आपातकाल के काले दिनों को याद किया. उन्होंने लिखा “आपातकाल की घोषणा की सालगिरह पर, उन काले दिनों को याद करें और देश ने इस चुनौती पर कैसे काबू पाया,”.

इमरजेंसी हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को मजबूत करने के लिए एक आजीवन सबक था- जयशंकर 

उन्होंने आगे इस बात पर जोर दिया कि आपातकाल ने देश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करने पर कैसे प्रभाव डाला. ट्वीट में कहा गया, “यह मेरी पीढ़ी का परिभाषित राजनीतिक अनुभव और हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को मजबूत करने के लिए एक आजीवन सबक था.

पीएम मोदी ने किया ट्वीट 

इससे पहले, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन बहादुर दिलों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने आपातकाल के काले दौर का विरोध किया और लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए काम किया. पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, “मैं उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और हमारी लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने के लिए काम किया. हमारे इतिहास में एक अविस्मरणीय अवधि है, जो हमारे संविधान द्वारा मनाए गए मूल्यों के बिल्कुल विपरीत है.” “

1975 में आपातकाल लगाए जाने के 48 साल हो गए

आपको बताएं, पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा 1975 में आपातकाल लगाए जाने के 48 साल हो गए हैं. आपातकाल 25 जून 1975 को लागू हुआ और बाद में 21 मार्च 1977 को इसे वापस ले लिया गया. इसे तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा 1975 से 1977 तक 21 महीने की अवधि के लिए घोषित किया गया था.

आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास के सबसे विवादास्पद अध्याय 

मौजूदा “आंतरिक गड़बड़ी” के कारण संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद द्वारा आधिकारिक तौर पर आदेश जारी किया गया था. आपातकाल ने प्रधान मंत्री को डिक्री द्वारा शासन करने का अधिकार दिया, जिससे चुनावों को निलंबित कर दिया गया और नागरिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया. 1975 में आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास के सबसे विवादास्पद अवधियों में से एक माना जाता है.

Also Read: Emergency Special: 58 की ‘इंदिरा’ के सामने 73 के ‘जेपी’, ‘मां’ के साथ खड़ा था 29 साल का ‘लाडला’

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें