औरंगाबाद: दाउदनगर-बारुण रोड के चमन बिगहा में लगभग 45 करोड़ रुपये की लागत से बिजली ग्रिड का निर्माण कार्य जारी है. पहले जनवरी 2024 का निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब यह बढ़कर अप्रैल हो गया है. अगले वर्ष अप्रैल माह तक यह बनकर तैयार हो जायेगा, जिसके बाद इस क्षेत्र के लोगों को निर्बाध रूप से बिजली मिल सकेगी. बरसात से पहले प्रथम पेज का निर्माण कार्य पूरा कराने का लक्ष्य रखा गया है. इसी वर्ष जनवरी महीने में पावर ग्रिड निर्माण कार्य शुरू हुआ है. सात एकड़ 20 डिसमिल जमीन में ग्रीड का निर्माण कराया जा रहा है. प्रथम फेज में बाउंड्री वाल, कंट्रोल रूम एवं स्विच यार्ड का निर्माण कराया जा रहा है.
विभागीय अधिकारियों से पता चला कि प्रथम पेज का कार्य पूरा होने के बाद दूसरे फेज का कार्य शुरू होगा. दूसरे फेज में अधिकारियों व कर्मचारियों के रहने के लिए आवास, इलेक्ट्रिकल इकुपमेंट इंस्टॉलेशन का कार्य कराया जायेगा. पावर ग्रिड में दो गुण 50 एमबीए का दो पावर ट्रांसफार्मर लगाया जायेगा. सूत्रों से पता चला कि दाउदनगर ग्रेड के लिए 132 केवीए नयी लाइन का निर्माण भी कराया जा रहा है, जिसे सोननगर से गया लाइन में जोड़ा जायेगा. पावर ग्रिड शुरू हो जाने के बाद बिजली के क्षेत्र में दाउदनगर आत्मनिर्भर बन जायेगा.
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सरकार द्वारा औरंगाबाद जिले में 132/33 केवी के दो उप केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है. नवीनगर व दाउदनगर में बिजली ग्रीड का निर्माण कराया जा रहा है. बिहार पावर ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड द्वारा औरंगाबाद जिले के नवीनगर एवं दाउदनगर में 132/ 33 केवीए ग्रिड उप केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है.
दाउदनगर में पावर ग्रिड का निर्माण हो जाने से बिजली की संचरण की व्यवस्था सही होगी. दाउदनगर में बारुण व औरंगाबाद ग्रीड से बिजली आपूर्ति होती है. किसी प्रकार की तकनीकी खराबी आ जाने के बाद बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है. पावर ग्रिड का निर्माण हो जाने से इस समस्या से निजात मिलेगा और दाउदनगर के पावर ग्रिड से बिजली आपूर्ति हो सकेगी. दाउदनगर में बिजली संचरण की व्यवस्था सही होगी. दाउदनगर विद्युत सब स्टेशन से ट्रांसमिशन ग्रीड अधिक दूरी पर है. इस वजह से जब बिजली आपूर्ति व्यवस्था में कोई खराबी आती है, तो उपभोक्ता परेशान होते हैं. वर्तमान में जिला मुख्यालय में एक, बारुण में दो, गोह एवं रफीगंज में एक-एक पावर ग्रीड हैं, जिससे जिले के विभिन्न पावर सभी स्टेशनों में बिजली की आपूर्ति की जाती है.
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बिजली विभाग से जुड़े सूत्रों से पता चला कि नवीनगर पावर ग्रिड के बन जाने से झारखंड से सटे इलाकों में लो वोल्टेज की समस्या से काफी निजात मिलेगा. दोनों ग्रीड के बन जाने से बिजली उपभोक्ताओं को बिजली के क्षेत्र में सुविधा होगी. किसानों को सिंचाई के लिए सुविधा पूर्वक पर्याप्त वोल्टेज के साथ बिजली मिल सकेगी. ग्रीड निर्माण हो जाने के कारण ब्रेकडाउन की समस्या खत्म हो जाएगी. लो वोल्टेज की समस्या समाप्त हो जाएगी. कम बिजली सप्लाई की भी समस्या खत्म हो जाएगी. लो वोल्टेज की स्थिति में बिजली के उपकरण भी खराब होने की संभावना बनी रहती है. गर्मी में सबसे अधिक परेशानी झेलनी पड़ती है. बारिश होने के बाद तो फॉल्ट की समस्या उत्पन्न हो जाती है.