Lucknow: आदिपुरुष की रिलीज के साथ शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. लोग फिल्म के निर्देशन से लेकर इसके संवाद को लेकर सवाल उठा रहे हैं. विवाद में फंसने के बाद मेकर्स ने संवाद तो चेंज कर दिए. लेकिन, कोर्ट में अभी भी याचिकाएं दायर हैं. फिल्म पर पूरी तरह से बैन लगाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में दो अर्जियां दाखिल की गईं हैं. इन पर सोमवार को सुनवाई होनी है.
फिल्म आदिपुरुष कानूनी पचड़ों में पड़ सकती है. हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दायर याचिका में इस फिल्म में श्रीराम कथा को बदलकर निम्नस्तरीय दिखाने का आरोप लगाया गया है. याचिकाकर्ता कुलदीप तिवारी ने मामले में विचाराधीन जनहित याचिका में ये दोनों अर्जियां दाखिल कर फिल्म में संशोधन करने और संवाद लेखक मनोज मुंतशिर को पक्षकार बनाने का अनुरोध किया है.
इस प्रकरण में याची ने कहा है कि फिल्म में आपत्तिजनक सामग्री के साथ सनातन आस्था पर जानबूझकर प्रहार किया गया है. इसके मद्देनजर प्रदर्शन रोकते हुए फिल्म पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिए जाएं. इससे पहले दो अक्तूबर 2022 को फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने पर उसमें कई आपत्तिजनक तथ्य होने की बात कहते हुए याची ने ट्रेलर व फिल्म दोनों पर प्रतिबंध लगाने की याचिका दाखिल की थी. तब कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को नोटिस जारी किया था.
याची के मुताबिक नोटिस के बावजूद सेंसर बोर्ड ने जवाब नहीं दिया. वहीं फिल्म निर्माता ने इसकी रिलीज तारीख को छह महीने के लिए यह कह कर टाल दिया कि सुधार कर यिा जाएगा. लेकिन, फिल्म की रिलीज के बाद पता चला कि इसमें आपत्तिजनक सामग्री मौजूद है.
आदिपुरुष 16 जून को सिनेमाघरों में ‘हर भारतीय की आदिपुरुष’ टैग लाइन से रिलीज हुई थी. बड़े पर्दे पर आने के बाद इस फिल्म के संवाद और अन्य बिंदुओं को लेकर काफी विवाद हुआ. इस फिल्म में जिस तरह से पौराणिक पात्रों को दर्शाया गया है उसको लेकर सोशल मीडिया में तीखी आलोचना हुई. विवाद के बाद कुछ चुनिंदा संवाद बदल दिए गए हैं.