17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वैगनर आर्मी ग्रुप का विद्रोह खत्म होने के बाद गायब हैं व्लादिमीर पुतिन? रूस के लिए आसान नहीं आगे की राह

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सत्ता में दो दशक से अधिक के कार्यकाल को सबसे बड़ी चुनौती देते हुए वैग्नर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन ने गत सप्ताहांत अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था.

रूस के खिलाफ बगावत करने वाले प्राइवेट आर्मी ग्रुप वैगनर ने भले ही अपना विद्रोह खत्म कर दिया हो, लेकिन इसने रूस की कमजोरियों को जगजाहिर कर दिया है. रूस के लिए आगे की राह आसान नहीं होने वाली है. इस बीच यह भी खबर आ रही है कि विद्रोह समाप्त होने के बाद से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गायब हैं. विद्रोह को देशद्रोह बताने और कठोर सजा देने की धमकी देने के बाद से राष्ट्रपति को सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है.

पुतिन को मिली सबसे बड़ी चुनौती

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सत्ता में दो दशक से अधिक के कार्यकाल को सबसे बड़ी चुनौती देते हुए वैग्नर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन ने गत सप्ताहांत अपने लड़ाकों को मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था. हालांकि प्रीगोझिन ने अचानक क्रेमलिन के साथ समझौता कर पीछे हटने और बेलारूस जाने की घोषणा कर दी थी.

वैगनर ग्रुप के चीफ का निर्वासन में रहना होगा

वैगनर ग्रुप के चीफ प्रीगोझिन को बेलारूस में निर्वासन में रहना होगा. यह एक ऐसा देश है जहां बागी तेवर उनके अपने वतन (रूस) से भी ज्यादा अस्वीकार्य हैं. बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने यह समझौता कराया है और उन्होंने ही इस संबंध में मामूली जानकारी दी.

Also Read: Russia Wagner Group: 12 घंटे में ही वैगनर ग्रुप पीछे हटने के लिए मजबूर, आखिर कैसे टला रूस पर गृहयुद्ध का खतरा

गुरु को मिली शिष्य से चुनौती

व्लादिमीर पुतिन को भले ही सबसे ताकतवर नेताओं के रूप में जाना जाता है, लेकिन वैगनर ग्रुप के विद्रोह ने उन्हें अंदर तक हिला कर छोड़ दिया है. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस घटनाक्रम पर कहा, 16 महीने पहले पुतिन यूक्रेन की राजधानी पर कब्जा करने को तैयार थे और अब उन्हें उस व्यक्ति के नेतृत्व वाली सेनाओं से मॉस्को की रक्षा करनी पड़ रही है, जो कभी उनका शिष्य था. मुझे लगता है कि हमने रूस की दीवार में और अधिक दरारें उभरती देखी हैं.

पुतिन की धमकी के बाद वैगनर ग्रुप को पीछे हटने पर होना पड़ा मजबूर

गौरतलब कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सत्ता में दो दशकों से अधिक समय के कार्यकाल को सबसे बड़ी चुनौती देते हुए वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रीगोझिन ने अपने लड़ाको को मॉस्को की तरफ कूच करने का आदेश दिया था. हालांकि प्रीगोझिन ने अचानक क्रेमलिन के साथ समझौते के बाद निर्वासन में जाने और पीछे हटने की घोषणा कर दी. हालांकि वैगनर के पीछे हटने को पुतिन की धमकी को भी वजह बतायी जा रही है. पुतिन ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा था सशस्त्र विद्रोह के ऐलान को विश्वासघात और राजद्रोह करार दिया था और कहा था कि वैगनर आर्मी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी. उन्हें कठोर से भी कठोर सजा मिलेगी.

रूस की अंदरूनी लड़ाई शांत होने से यूक्रेन को झटका

यूक्रेन को उम्मीद थी कि रूस की अंदरूनी लड़ाई उनकी सेना को रूस द्वारा कब्जे में लिए गए उसके क्षेत्रों को वापस हासिल करने का मौका देगी. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन को फोन पर बातचीत के दौरान बताया कि रूस में वापस लिये जा चुके इस विद्रोह ने पुतिन के शासन की कमजोरियों को उजागर किया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें