बेगूसराय में मॉनसून प्रवेश कर चुका है. सीवरेज व नल जल के लिए कई सड़कों पर कार्य चल रहा है. लंबी लंबी दूरी वाली जो सड़क खोदी गयी थी. उसका रिस्टोरेशन कार्य तो कर लिया गया है, किंतु अभी भी कई मार्गों पर जो सड़क तोड़ी गयी. वहां रिस्टोरेशन नहीं होने से लोग परेशान है. आयुर्वेदिक कॉलेज के सामने लोहियानगर मोड़ पर सड़क तोड़ी गयी, परंतु आज तक उसे ठीक नहीं किया गया. यदि वर्षा हो गयी तो चिकनी मिट्टी पर फिसल कर आवागमन करने वाले लोग व बाइक चालक गिरकर चोटिल हो सकते है. यही हालत बड़ी पोखर के पूर्वी सड़क की बनी हुई है. वर्षा होने पर लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. शहर की बड़ी समस्या जलजमाव की है. नगर निगम प्रशासन भले यह दावा कर रही हो कि हमने सभी नालों की उड़ाही कर ली है. हर बरसात शहर के लोगों को जलजमाव की समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
सीवरेज का भूमिगत पाइप 98 किलोमीटर तक बिछाना था, जिनमें कुछ पाइप पूर्व से ही बिछाए गये थे. कार्य एजेंसी केवडिया कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 90.5 किलोमीटर सिवरेज का पाइप बिछाने का कार्य लगभग पूरा हो गया है. विभागीय सूत्रों के अनुसार इसके बावजूद भी सिवरेज योजना को धारातल पर उतरने में समय लग सकता है. इसमें कई तरह का लोचा हैं. पहली बात यह कि अभी तक 11020 घरों को कनेक्ट करने के कार्य के लिये टेंडर ही नहीं हुआ है. सिवरेज की 98 किमी पाइप के जरिये कुल 11020 घरों को जोड़ना है. अभी तक सिवरेज के कुल 10 हजार से अधिक चैंबर भी बनाये जा चुके है. एक चैंबर ( टंकी) से दो-चार घरों को जोड़ा जायेगा.
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सीवरेज का प्रमुख संयत्र एसटीपी निर्माण भी काफी धीमी गति से चल रहा है. अभी तक मात्र 50% कार्य ही क्रियान्वयन हो सका है. जब तक एसटीपी व दो इंटर मिडियट पंप स्टेशन का निर्माण नहीं हो जाता तब तक पाइप बिछा लेने का कार्य पूर्ण कर लेने के बावजूद शहरी लोगों को सिवरेज का लाभ नहीं मिल सकेगा. लोहिया नगर में बनाए जा रहे आइपीएस का क्रियान्वयन मात्र 70% ही संभव हो सका है. वही पिपरा इंटरमिडियट पंप स्टेशन भी मात्र 40% ही तैयार हो सका है. कार्य के क्रियान्वयन की जो शैली है उस शैली से समान्य गति से कार्य भी चलता रहेगा तो भी इस वर्ष के बाद और 2024 के अंत में ही सिवरेज का लाभ शहरवासियों को मिल सकेगा.
अमृत जल योजना के तहत शहर में हर घर में नल से जल पहुंचाने की योजना भी शहर वासियों के लिये एक सपना ही बनकर रह गया है. जहां तहां सड़कें तोड़ी गयी फिर उसकी रीस्टोरेशन भी की गयी. सड़कें भी उबर खाबर हो गयी परंतु आज तक घर तक पानी नहीं पहुंचा है. शहर में नलजल योजना की भी शुरुआत 2020 में ही की गयी थी. इसे भी दो वर्षों में पूरा करना था. परंतु समाप्त हो चुकी है. इसके बावजूद भी अभी तक लगभग 75% ही पाइप बिछाने का कार्य पूरा हो पाया है. साथ ही आज तक नब्बे प्रतिशत घरों में इसका कनेक्शन भी नहीं हो पाया है.