सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली केरल सरकार द्वारा अपने स्टेट यूनिट प्रेसिडेंट के खिलाफ एक और मोर्चा खोला गया है. जिसके बाद कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व के सुधाकरन (K. Sudhakaran) के समर्थन में सामने आया है. केरल पीसीसी प्रमुख को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया और बाद में जमानत पर रिहा कर दिया गया. यह उसी दिन हुआ जिस दिन पटना में विपक्ष की बैठक हुई, जहां कांग्रेस और सीपीआई (एम) ने अन्य दलों के साथ 2024 में भाजपा के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने का संकल्प लिया. बता दें पिछले हफ्ते की गिरफ्तारी एक स्वयंभू एंटीक डीलर से जुड़े वित्तीय धोखाधड़ी मामले में सुधाकरन की कथित संलिप्तता के लिए हुई थी, केरल पुलिस ने उसके खिलाफ संपत्ति जमा करने के एक पुराने आरोप को भी खारिज कर दिया है.
सोमवार को सुधाकरन और केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीसन ने दिल्ली में सीनियर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की, इस दौरान सुधारन के खिलाफ मामला और उनकी गिरफ्तारी पर चर्चा हुई. इसके तुरंत बाद राहुल ने सुधाकरन, सतीसन और केरल के प्रभारी एआईसीसी महासचिव तारिक अनवर के साथ अपनी एक तस्वीर के साथ ट्वीट किया, कांग्रेस पार्टी डराने-धमकाने और प्रतिशोध की राजनीति से नहीं डरती.
The Congress party doesn’t fear the politics of intimidation and vendetta. pic.twitter.com/9HLetpJyma
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 26, 2023
इस बीच, पोलित ब्यूरो की बैठक से बाहर निकलते हुए, जिसमें विपक्षी एकता की आवश्यकता दोहराई गई, सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी ने संवाददाताओं से कहा कि सुधाकरन के खिलाफ मामले का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है. येचुरी ने कहा, वहां पुलिस जांच चल रही है, पुलिस केस चल रहा है और भाजपा और केंद्रीय गृह मंत्रालय के विपरीत, हम पुलिस को किसके खिलाफ और किसके लिए कार्रवाई करने का निर्देश नहीं देते. यह हमारा चरित्र नहीं है. हम ऐसा कभी नहीं करते हैं, और यह केरल जैसे राज्य में भी नहीं किया जा सकता है.
सुधारकन के खिलाफ नया मामला राज्य सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (वीएसीबी) की जांच से संबंधित है. कन्नूर के सांसद ने कहा कि वीएसीबी ने उनके पूर्व ड्राइवर प्रशांत बाबू की शिकायत के आधार पर उनकी संपत्ति की जांच का आदेश दिया था. उन्होंने मीडिया को बताया, उन्होंने मेरी पत्नी के खातों के बारे में विवरण मांगा है. वीएसीबी के सूत्रों ने कहा कि उन्हें 2021 में बाबू से एक शिकायत मिली थी, जिसमें कहा गया था कि सुधाकरन ने दिवंगत कांग्रेस के दिग्गज नेता के करुणाकरण की स्मृति में गठित एक धर्मार्थ ट्रस्ट को सक्षम करने के लिए 32 करोड़ रुपये जुटाए थे – जिसके वे अध्यक्ष थे – कन्नूर के चिरक्कल में एक स्कूल का अधिग्रहण करने के लिए.
सूत्रों ने बताया कि शिकायत की प्रारंभिक जांच हो चुकी है. बाबू ने कन्नूर में मीडिया से कहा, पैसा उसकी (सुधाकरण की) कमजोरी है. उसने स्कूल के अधिग्रहण के सिलसिले में भारी धन जुटाया, जो पूरा नहीं हुआ. दरअसल, करुणाकरण ट्रस्ट के लिए फंड जुटाने का विवाद पहली बार 2013 में सामने आया था, जब केरल में कांग्रेस सत्ता में थी. सीपीआई (एम) के साथ कन्नूर में कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग ने ट्रस्ट के खिलाफ जांच की मांग की थी, जो स्कूल पर कब्जा करने के अलावा एक शैक्षिक केंद्र स्थापित करना चाहता था. यह आरोप लगाया गया था कि मध्य पूर्व से एकत्र किया गया धन गायब हो गया था. सुधाकरन के केपीसीसी प्रमुख बनने के तुरंत बाद बाबू जून 2021 में वीएसीबी में चले गए थे.