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यूपी में आयुष्मान भारत योजना से हुआ पहला किडनी ट्रांसप्लांट, नाजिश को बकरीद पर मिला नया जीवन

मेरठ की 28 वर्षीय नाजिश को बकरीद पर नए जीवन का अनमोल उपहार मिला. आयुष्मान योजना के अंतर्गत बिना एक भी पैसा खर्च किए यशोदा हॉस्पिटल में एक्सपर्ट्स डॉक्टर्स ने उसका किडनी ट्रांसप्लांट किया.

गाजियाबाद: योगी सरकार के नेतृत्व में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से यूपी में पहला किडनी ट्रांसप्लांट सफलता के साथ किया गया. इस किडनी ट्रांसप्लांट के जरिए मेरठ जनपद की 28 वर्षीय नाजिश को बकरीद के मौके पर नया जीवन मिला है. नाजिश और उसके परिवार के लिए यह बहुत बड़ा तोहफा माना जा रहा है.

मेरठ जनपद की सरधना तहसील के दौराला ब्लॉक स्थित वालिदपुर गांव में सलीम अहमद और सबीला की 28 वर्षीय बेटी नाजिश की किडनी खराब हो गयी थी. डॉक्टरों को दिखाया तो उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए बोल दिया. सलीम और उनका बेटा आजम किसी तरह मेहनत-मजदूरी करके परिवार के साथ गुजर बसर कर रहे थे. ऐसे में किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च सुनकर वह परेशान हो गये.

लेकिन उनकी इस परेशानी को दूर किया आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने. इस योजना के तहत नाजिश का बिना किसी खर्च के पूरा इलाज संभव हो गया. किडनी ट्रांसप्लांट के बाद बकरीद पर नाजिश अपने परिवार में भी पहुंच गई और पूरा परिवार बहुत खुश है. नाजिश की बहन फरहीन ने बताया कि मां (डोनर) सबीला पूरी तरह स्वस्थ हैं. ईद पर आयुष्मान भारत योजना से हमारे परिवार को अनमोल उपहार मिला है.

नाजिश के परिवार को गंगनगर में डायलिसिस सेंटर से जानकारी मिली कि यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के लिए किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू हुई है. आजम ने यशोदा हॉस्पिटल में संपर्क किया और फिर तमाम कानूनी प्रक्रिया के बाद 20 जून को नेफ्रोलॉजी विभाग से डॉ. प्रजीत मजूमदार और यूरोलॉजी विभाग से डॉ. वैभव सक्सेना, डॉ. निरेन राव एवं डॉ. कुलदीप अग्रवाल की टीम ने किडनी ट्रांसप्लांट किया.

ट्रांसप्लांट के एक सप्ताह बाद 27 जून को मां-बेटी को अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया. यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की एमडी एवं सीईओ डॉ. उपासना अरोड़ा ने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से जुड़कर ही ये संभव हो पाया है. इस योजना से गरीबों को महंगा इलाज मिलने में दिक्कत नहीं होगी. सूबे में पहला किडनी ट्रांसप्लांट कर हम खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. यह हमारे विशेषज्ञ डाक्टरों की टीम के चलते ही संभव हो सका है.

स्टेट एजेंसी फॉर कोम्प्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (SACHIS) की सीईओ संगीता सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना बनी ही आम आदमी के लिए है. जो गरीब लोग बीमारी का खर्च नहीं उठा सकते हैं, आयुष्मान कार्ड उनके लिए जीवन दायिनी है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब तक 2.9 करोड़ आयुष्मान कार्ड बने हैं. इससे अब तक 22.8 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं. सरकार ने अब तक तब 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि इलाज के मद में बांटी है. 80% निजी अस्पतालों और 20% सरकारी अस्पतालों में यह धनराशि दी गयी है.

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