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बिहार के लोगों के पैसे डूबने का खतरा, 300 निधि कंपनियां अवैध तरीके से ले रहीं जमा, होगी कार्रवाई

पटना में पंजीकृत 63 निधि कंपनियों में से 32 फर्जी हैं, इसी तरह पूरे राज्य में करीब 300 ऐसी फर्जी कंपनियां हैं. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा कराए गए एक सर्वे में ऐसा अंदेशा जताया गया है कि कहीं ये कंपनियां बिहार के गरीब लोगों की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत न हो जाएं.

बिहार में 300 से अधिक निधि कंपनियां अवैध रूप से आमलोगों से जमा ले रही हैं. दूर दराज क्षेत्रों को तो छोड़िए, राजधानी पटना में भी इस तरह की कंपनियां ऑपरेट कर रही हैं. सूत्रों की मानें तो पटना में पंजीकृत 63 कंपनियों में 32 फर्जी हैं और इनका कोई अता-पता भी नहीं है. पटना में संचालित ऐसी ही एक कंपनी, गायत्री निधि कंपनी पर कार्रवाई के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनी ने एसएसपी को पत्र लिखा है.

वहीं, इसकी सूचना वित्त विभाग को भी देते हुए राज्य में अवैध संचालित निधि कंपनियों पर नजर रखने के लिए कहा है. दरअसल कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (एमसीए) ने इसका संज्ञान लेते हुए पूरे राज्य में सर्वे करवाया था. जिसके आधार पर तैयार की गयी रिपोर्ट में इस बात का अंदेशा जताया है कि कहीं ये कंपनियां बिहार के गरीब लोगों की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत न हो जाएं. हालांकि जमा लेकर भागने की खबर आये दिन आती रहती है.

कई कंपनियों में पैसा जमा करना खतरे से खाली नहीं

निधि (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत निधि कंपनियों को एनडीएच-4 फॉर्म भरना अनिवार्य है ताकि यह पता चल सके कि वे केंद्र सरकार के नियम-कायदों का अक्षरश: पालन कर रही है या नहीं. यह एक तरह से घोषणापत्र है. इसमें कंपनी के सभी सदस्यों का नाम और पता रहता है. मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स में पंजीकृत वैसी निधि कंपनियां जिन्होंने एनडीएच-4 फॉर्म नहीं भरा है, वे जमा नहीं ले सकती हैं. सूत्रों का कहना है कि बिहार में अबतक कुल 376 निधि कंपनियां पंजीकृत हैं, जिनमें से 300 ने एनडीएच-4 फॉर्म नहीं भरा है लेकिन धड़ल्ले से जमा ले रही हैं. ऐसी कंपनियों में पैसा जमा करना खतरे से खाली नहीं है.

निधि कंपनियां जुटाती हैं धन

निधि कंपनियां एक प्रकार की पब्लिक लिमिटेड कंपनियां हैं. ऐसी कंपनियों को स्थायी निधि, लाभ निधि, म्युचुअल बेनिफिट फंड (आपसी लाभ वाली पूंजी) और म्यूचुअल बेनिफिट कंपनी के रूप में भी जाना जाता है.ये केवल शेयरधारक-सदस्यों के बीच जमा ले और उधार दे सकती हैं. आम जनता से सीधे जमा स्वीकार नहीं कर सकतीं.

यह है नियम

निधि कंपनी शुरू करने के लिए 10 लाख न्यूनतम पूंजी की जरूरत होती है.एक साल में कम से कम 200 सदस्य होने चाहिए. इन्हें कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से लाइसेंस दिया जाता है और मंत्रालय ही इन्हें रेगुलेट भी करता है. इन्हें रिजर्व बैंक से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है.

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  • 376 निधि कंपनियां पंजीकृत हैं, जिनमें से 300 ने एनडीएच-4 फॉर्म नहीं भरा है

  • 63 पंजीकृत कंपनियों में 32 फर्जी हैं पटना म

  • 10 लाख न्यूनतम पूंजी की जरूरत होती है निधि कंपनी शुरू करने के लिए

  • 200 सदस्य होने चाहिए एक साल में कम से कम

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