27.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP: यूपी में रंग लाई सारस संरक्षण की मुहिम, 19600 पहुंची संख्या, 16 जिलों में शून्य रहा आंकड़ा, जानें डिटेल

यूपी में बीते दिनों सारस को लेकर सियासी पारा बेहद गरम रहा. अमेठी के आरिफ की सारस से दोस्ती की चर्चा के बीच वन विभाग के उसे ले जाने को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर जमकर निशाना साधा. वहीं अब सारस से जुड़ी अच्छी खबर सामने आई है, प्रदेश में इनका संख्या में इजाफा हुआ है.

Lucknow: यूपी में राज्य पक्षी सारस के संरक्षण की दिशा में किए गए प्रयास सफल साबित होते नजर आ रहे हैं. प्रदेश में इनकी संख्या में इजाफा हुआ है. प्रदेश सरकार की ओर से कराई गई सारस की गणना में इसकी पुष्टि हुई है.

वन महकमे के मुताबिक इस बार पिछले वर्ष के मुकाबले 420 सारस अधिक मिले हैं. दो दिन चली गणना में यूपी में 19,600 सारस देखे गए. पिछले 11 साल में यूपी में सारसों की संख्या में 73 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया है. ये नतीजे उत्साहित करने वाले हैं.

उत्तर प्रदेश में सारस की गणना इस वर्ष 26 और 27 जून को हुई थी. इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों की अगुआई में कई टीमें बनाई गई थीं. इसमें ग्राम प्रधान, स्वयं सेवी संगठन, स्कूल-कॉलेज के छात्रों को भी शामिल किया गया.

Also Read: Attack On Chandrashekhar: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को हमले से पहले मिली थी धमकी, अमेठी पुलिस कर रही जांच

इन टीमों ने दो दिन चिह्नित स्थानों पर सारस की गणना की. दो दिन में चार बार सुबह 6 से 8 बजे तक और शाम को 4 से 6 बजे तक सारस की गणना का काम किया गया. इस दौरान चिह्नित स्थानों के अलावा भी जहां से सूचना मिली, वहां भी टीमें सारस की गणना के लिए पहुंची.

यूपी के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य जीव) सुधीर कुमार शर्मा के मुताबिक अभी तक विभिन्न जनपदों से जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक उत्तर प्रदेश में 19,600 सारस देखे गए. इनमें सबसे ज्यादा इटावा में 3280, मैनपुरी में 2872 और औरैया में 1187 सारस मिले. इसके साथ ही प्रदेश में 16 जनपद ऐसे हैं, जहां एक भी सारस नहीं दिखा.

प्रत्येक गणना स्थल की जीपीएस रीडिंग यानी अक्षांश व देशांतर अनिवार्य रूप से अंकित किया जाता है. सारस की पहचान चोंच, पंख और पैरों से की जाती है. सारस के बच्चों की चोंच और सिर पीला होता है. व्यस्क सारस की चोंच स्लेटी, सिर का रंग गहरा लाल और पैर गुलाबी होते हैं.

उन्होंने बताया कि सभी जनपदों की जानकारी के आधार पर अब इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी. इस संख्या में आंशिक तौर पर बदलाव बदलाव हो सकता है. बहुत बड़ा पविर्तन होने की संभावना नहीं है. सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि सारस दलदल वाले इलाकों में ज्यादा पाए जाते हैं.

उन्होंने बताया कि जब से इसे राज्य पक्षी घोषित किया गया है, तब से इसके संरक्षण के काफी उपाय किए गए हैं. सारस संरक्षण केंद्र भी बनाए गए हैं. इसका लाभ सारस की संख्या में इजाफा के तौर पर नजर आ रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें