धीरेंद्र शास्त्री यानी बागेश्वर धाम को लेकर मध्यप्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के एक धार्मिक प्रवचन कार्यक्रम के दौरान `पुलिस की मदद’ के लिए सरकारी स्कूल के 100 से अधिक शिक्षकों को तैनात किया गया था. एक अधिकारी ने इस बाबत जानकारी दी है. इस फैसले से शिक्षकों के संगठन मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस को नाराजगी हुई. शिक्षकों के विरोध के बाद तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन इसे रद्द कर दिया गया.
आपको बता दें कि शास्त्री मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के एक प्रमुख धार्मिक केंद्र बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर हैं. 26 जून से 28 जून तक खिलचीपुर कस्बे में उनका कथा (प्रवचन) कार्यक्रम हुआ. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी करण सिंह भिलाला ने मीडिया के सवाल का जवाब दिया और कहा कि कार्यक्रम के दौरान लगभग एक हजार पुलिसकर्मियों को उनके कर्तव्यों का पालन करने में मदद करने के लिए प्रशासन के निर्देश पर विभिन्न क्षेत्रों में 110 शिक्षकों को तैनात किया गया था.
आदेश वापस ले लिया गया
शिक्षक कांग्रेस के महासचिव आशुतोष पांडे ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि संगठन द्वारा विरोध दर्ज कराने के बाद कार्यक्रम समाप्त होने से एक दिन पहले यह आदेश वापस ले लिया गया. उन्होंने कहा, शिक्षकों को ‘दोयम दर्जे का नागरिक’ माना जाता है और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कीमत पर उनके साथ इस तरह का व्यवहार किया जाता है. उन्होंने दावा किया कि इससे पहले राज्य प्रशासन ने सिंहस्थ कुंभ मेले के दौरान श्रद्धालुओं के ‘जूतों और चप्पलों’ की सुरक्षा के लिए शिक्षकों को तैनात किया था.
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दोनों दलों के नेताओं के पंसदीदा है धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिनके क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अनुयायी हैं, को भाजपा शासित मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेताओं द्वारा पसंद किया जाता है.