रिम्स के एंट्री प्वाइंट से ट्रॉमा सेंटर तक मरीज और एंबुलेंस को आधा दर्जन गड्ढों से होकर गुजरना पड़ता है. सबसे बड़ा गड्ढा रिम्स के मुख्य द्वार के दोनों एंट्री प्वाइंट पर ही है. एक एंट्री प्वाइंट की सड़क को पानी की निकासी के लिए काट दिया गया है. इससे गंभीर मरीजों को लेकर आनेवाली एंबुलेंस वहां आकर फंस जाती है. वहीं, दोपहिया वाहन का टायर भी गड्ढे में फंस रहा है़ इससे वाहन सवार गिर जाते हैं. इसके बाद गोलचक्कर से पहले एक गड्ढा तथा गोलचक्कर के बाद लगातार तीन गड्ढे हैं. इसके बाद दो छोटे-छोटे गड्ढे हैं.
बरसात में एंबुलेंस व अन्य वाहन चालकों को ज्यादा परेशानी हो रही है. क्योंकि, पानी भरा होने के कारण गड्ढों की गहराई का पता नहीं चल पाता है और वाहन फंस जाते हैं़ वहीं, रिम्स प्रबंधन का कहना है कि गड्ढे को दुरुस्त करने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को लगातार लिखा जा रहा है, लेकिन गड्ढे को अब तक भरा नहीं गया है.
रिम्स के ट्रॉमा सेंटर जाने वाले रास्ते से डस्टबिन हटाया जायेगा. डस्टबिन को डेंटल कॉलेज के पीछे खाली जगह पर स्थापित किया जायेगा. इसको लेकर नगर निगम और रिम्स के अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण कर लिया है. निरीक्षण के बाद निगम ने रिम्स को प्लेटफॉर्म बनाने को कहा है. इसके बाद वहां डस्टबिन शिफ्ट किया जायेगा. गौरतलब है कि प्रभात खबर में इससे संबंधित खबर छपने के बाद रिम्स प्रबंधन और नगर निगम हरकत में आया.