पटना. एनटीपीसी के बाढ़ प्लांट की उत्पादन क्षमता 1980 मेगावाट से बढ़कर अब 2640 मेगावाट हो गयी है. बाढ़ के स्टेज-1 की दूसरी यूनिट ने शुक्रवार की दोपहर करीब एक बजे अपने 72 घंटे के फुल लोड ट्रायल रन ऑपरेशन लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया. एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने बताया कि फुल लोड ट्रायल रन ऑपरेशन के सफल होने का मतलब है कि यह यूनिट आधिकारिक तौर पर वाणिज्यिक उत्पादन के लिए तैयार है. 660 मेगावाट की इस यूनिट से उत्पादित बिजली का 58 फीसदी हिस्सा यानि 383 मेगावाट बिहार को मिलेगा, शेष झारखंड, ओडिसा और सिक्किम को आवंटित किया जायेगा. सफल फुल लोड-ट्रायल ऑपरेशन (टीओ) के बाद इसकी जरूरी कमीशनिंग गतिविधियां भी पूरी की जा चुकी है.
प्रवक्ता ने बताया कि एनटीपीसी के बाढ़ प्लांट में 660 मेगावाट की चौथी यूनिट का सफलतापूर्वक कमीशन पूरा हो गया है. इससे बाढ़ प्लांट से बिहार को मिलने वाली बिजली का कोटा भी 1526 मेगावाट से बढ़ कर 1909 मेगावाट हो गया है. वहीं, प्लांट की कुल उत्पादन क्षमता वर्तमान में 1980 मेगावाट से बढ़कर 2640 मेगावाट हो गयी है. वर्तमान में 660 मेगावाट की तीन इकाइयों के माध्यम से कुल 1980 मेगावाट का वाणिज्यिक विद्युत उत्पादन हो रहा है, जिसमें से बिहार को अभी 1526 मेगावाट बिजली मिल रही है. उन्होंने बताया कि एनटीपीसी से बिहार का वर्तमान बिजली आवंटन भी 6560 मेगावाट से बढ़कर 6943 मेगावाट पहुंच जायेगा.
गौरतलब है कि बाढ़ सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के दूसरे स्टेज की 660 मेगावाट की दो इकाइयां (यूनिट 4 और 5) क्रमश: 15 नवंबर, 2014 और 18 फरवरी, 2016 से बिजली का लगातार उत्पादन कर रही हैं. स्टेज वन की पहली 660 मेगावाट इकाई नवंबर 2021 से बिजली का वाणिज्यिक उत्पादन कर रही है.
एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (पूर्व-1) डीएसजीएसएस बाबजी ने कहा कि वर्तमान में एनटीपीसी की बिहार राज्य में लगभग 80 हजार करोड़ की निवेश के साथ कुल छह परियोजनाओं में 9070 मेगावाट (मेगावाट) की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता है, जबकि 660 मेगावाट की क्षमता निर्माणाधीन है. वहीं, बाढ़ परियोजना के कार्यकारी निदेशक असित दत्ता ने कहा कि रिकॉर्ड समय में सभी एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर इस यूनिट के ट्रायल-रन ऑपरेशन के लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा किया गया. पहले चरण की तीसरी और अंतिम इकाई का काम प्रगति पर है और इसके अगले साल तक पूरा होने की पूर्ण संभावना है.