National Doctors Day 2023, Theme, History, Significance: हर साल की तरह इस साल भी नेशनल डॉक्टर्स डे 1 जुलाई को मनाया जा रहा है. जिसका उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है. साथ ही साथ जीवन देने वाले डॉक्टरों के प्रति सम्मान व्यक्त करना है. इस बार की थीम कोरोनावायरस से जुड़ी है. आइए जानते हैं कैसे हुई डॉक्टर डे की शुरुआत, क्या है इस दिवस का इतिहास, इस बार का थीम व महत्व…
ये दिन डॉक्टर बिधान चंद्र रॉय को समर्पित है. उनका जन्म 1 जुलाई, 1882 को हुआ था और इसी दिन 1962 में उनकी मृत्यु हुई थी. बीसी रॉय प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक होने के साथ-साथ एक सम्मानित डॉक्टर भी थे, जिन्हें 4 फरवरी, 1961 को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था. बिधान चंद्र रॉय चिकित्सक होने के साथ पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री थे. हर साल इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हर साल देश में राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस के कार्यक्रम का आयोजन करती है. यहां जानिए भारत समेत अन्य देश नेशनल डॉक्टर्स डे कब मनाते हैं.
भारत में पहली बार राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत साल 1991 से हुई थी. इस साल केंद्र सरकार ने पहली बार डॉक्टर डे मनाया था. इस दिन को मनाने की शुरुआत एक डॉक्टर की याद में हुई थी. उनका नाम डॉ बिधान चंद्र राॅय था.
हर साल भारत में नेशनल डॉक्टर्स डे एक अलग और यूनिक थीम पर मनाया जाता है. इस बार की थीम है “सेलिब्रेटिंग रेजिलिएंस एंड हीलिंग हैंड्स.” पेंडेमिक के दौरान बिना थके, बिना रुके और बिना अपनी परवाह किए दिन रात दूसरों की सेवा में जुटे डॉक्टरों के सम्मान में ये थीम रखी गई है.