Varanasi : वाराणसी के कैंट क्षेत्र में पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह पर करीब 21 साल पहले हुए जानलेवा हमले के मामले में शनिवार को एमपी/एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में आरोपित बाहुबली विधायक अभय सिंह कोर्ट में पेश हुए. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तिथि निर्धारित कर दी है.
इस मामले में की सुनवाई एमपी/एमएलए कोर्ट में एडीजे अवनीश गौतम ने की. कोर्ट की पुकार पर अधिवक्ता अनुज यादव के साथ विधायक अभय सिंह पेश हुए. पुकार में सह आरोपी विनोद सिंह के पेश नहीं होने की सूचना दी गई. इसके अलावा अन्य आरोपियों के अदालत में नहीं आने पर जज ने नाराजगी जताई और सुनवाई की अगली तारीख 11 जुलाई तक टाल दी. पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह पर वर्ष 2002 में नदेसर में हुए जानलेवा हमला में विधायक अभय सिंह, एमएलसी विनीत सिंह समेत कई आरोपी हैं.
तत्कालीन विधायक धनंजय सिंह रारी जौनपुर अपने साथियों के साथ सफारी गाड़ी से परिवार के सदस्य रामजी सिंह की पत्नी को कबीरनगर अस्पताल से देखकर वापस जौनपुर लौट रहे थे. तभी 4 अक्टूबर 2002 की शाम छह बजे जैसे ही नदेसर स्थित टकसाल सिनेमाहाल के पास पहुंचे तभी वहा टाटा सफारी और एक बोलेरो पहले से ख़डी थी. जिनमें अभय सिंह राजेपुर महराजगंज फ़ैजाबाद निवासी 4-5 साथियों के साथ इन गाड़ियों से स्वचालित असलहे रायफल बंदूक लिए उतरे, अभय सिंह ने ललकारते हुये कहा की यही धनंजय सिंह मारो और हाथ में लिए पिस्टल से जान से मरने कि नियत से गोली चलाने लगे.
गाड़ी सामने ख़डी कर दी तभी बोलेरो से एक आदमी उतरकर फायर करने लगा बाजार में भगदड़ मच गई. सभी उधर उधर भागने लगे दुकानें बंद करने गले. साथ में रहे गार्ड ने आत्मरक्षार्थ गोली चलाई उसके साथियों ने भी गोली चलाई जिसमे धनंजय सिंह घायल हो गए, जितेंद्र बहादुर सिंह, संतोष सिंह, गनर बासुदेव पाण्डेय था. ड्राईवर दिनेश गुप्ता अभय सिंह एवं उसके साथियों द्वारा गोली चलाने से घायल हो गए. पुलिस की गाड़ी आ गई इस दौरान अभय व उसके साथी अपने वाहनों से भाग गए.
धनंजय सिंह ने तहरीर में कहा कि अभय से छात्र जीवन से ही रंजिश है कई बार मरने की कोशिश कर चुका है. अभय व उसके साथियों को पहचाना है. सामने देखकर पहचानने की बात कहीं, आरोप लगाया कि अभय सिंह का यूपी में आतंक है. व्यापारियों से रंगदारी वसूलता है. भाड़े पर हत्या करता व करवाता है, घटनास्थल पर मौजूद पुलिसवालों ने सिंह मेडिकल रिसर्च सेंटर में भर्ती करवाया, इस मामले में ग्राम बसका सिकरारा जौनपुर निवासी धनंजय सिंह कि तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया.
इस मामले में अभियोजन व वचाव पक्ष की तरफ से गवाही पूरी हो चुकी है. शनिवार को इस मामले में अभय सिंह का बतौर आरोपी सीआरपीसी 313 का बयान दर्ज करने के लिए तारीख नियत थी. एक आरोपी विनोद सिंह के पिता का निधन होने से उनके नहीं आने पर अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 11 जुलाई तय की.
गौरतलब है कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह और विधायक अभय सिंह की अदावत दो दशक से भी पुरानी है. कभी अभय सिंह अपराध की दुनिया में धनंजय सिंह के गुरु थे. लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान धनंजय सिंह को अभय सिंह का संरक्षण मिला. ठेकेदारी को लेकर दोनों कई हत्या में नामजद हुए. बाद में ठेकेदारी के विवाद में ही दोनों के बीच अदावत शुरू हुई, जो एक-दूसरे की जान लेने के लिए हमले तक आ पहुंची.