रांची: पार्वती और द्रौपदी कुमारी रांची के सिकिदिरी गांव की रहने वाली सगी बहनें हैं. दोनों ऐसी पृष्ठभूमि से आती हैं, जहां लड़की के लिए शिक्षा ग्रहण कर पाना बेहद कठिन है, लेकिन दोनों बहनों ने अपनी मां की देखरेख में इस कठिन दौर को पार किया. सिर्फ कठिन दौर को पार ही नहीं किया, बल्कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के निर्देश पर शुरू किए गए आईटीआई कौशल कॉलेज (पाक-कला) प्रेझा फाउंडेशन (एसटी, एससी, अल्पसंख्यक और कल्याण विभाग की परियोजना परिवाहिनी) से जुड़ गईं. दोनों बहनों की मेहनत रंग लाई. दोनों ने अच्छा करने की प्रतिबद्धता के साथ पाककला में एक साल का पूर्णकालिक आवासीय आईटीआई प्रमाणन कार्यक्रम के तहत पाठ्यक्रम पूरा किया और इन्हें प्लेसमेंट मिला. आज इनकी अच्छी आमदनी है.
अच्छी आमदनी से बदल रही जिंदगी
पार्वती को हैदराबाद स्थित सोडेक्सो एवं द्रौपदी को बर्बेक्यू नेशन में नौकरी मिली. उनका शुरुआती मासिक शुद्ध वेतन लगभग 16,000 (सीटीसी 25,000 रुपये) था, लेकिन उनकी प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत के कारण उनकी सेवा के केवल 6 माह में उनके वेतन में वृद्धि हुई. उनका वर्तमान मासिक शुद्ध वेतन 26 हजार (36,000 सीटीसी) है. अब दोनों बहनें न केवल अपनी मां की देखभाल कर रहीं हैं, बल्कि अपने गांव की सैकड़ों युवा लड़कियों के लिए एक आदर्श भी बन गयी हैं. मुख्यमंत्री के प्रयासों से पार्वती और द्रौपदी जैसी सैकड़ों युवतियां अपना जीवन सुधार रही हैं.
Also Read: झारखंड आंदोलनकारी व शिक्षाविद डॉ बीपी केशरी को कितना जानते हैं आप? नागपुरी संस्थान है इनकी अनूठी देन
कमजोर वर्गों के लिए वरदान है यह पहल
आईटीआई कौशल कॉलेज (पाक-कला) प्रेझा फाउंडेशन (एसटी, एससी, अल्पसंख्यक और कल्याण विभाग की परियोजना परिवाहिनी) की एक पहल है, जो पाककला में एक साल का पूर्णकालिक आवासीय आईटीआई प्रमाणन कार्यक्रम प्रदान करने वाला अपनी तरह का पहला संस्थान है. यह कार्यक्रम राज्य के कमजोर वर्गों एससी, एसटी और अल्पसंख्यक लड़कियों को शेफ के रूप में प्रशिक्षित करने के इरादे से विकसित किया गया है ताकि वे अपनी आजीविका का मार्ग प्रशस्त कर सकें. यह पाक कला महाविद्यालय, कई मायनों में एक अभिनव पहल है. इसमें विश्वस्तरीय प्रशिक्षण बुनियादी ढांचा, विशेष रूप से तैयार पाठ्यक्रम और पाक कला प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रेरित संकाय है. झारखंड सरकार ने भारत और दुनिया के लिए भविष्य के शेफ तैयार करने के लिए इसकी स्थापना की है. आईटीआई पाक कला कौशल कॉलेज औपचारिक रूप से राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एससीवीटी), रांची, झारखंड से संबद्ध है. छात्रों को इंडियन फेडरेशन फॉर क्यूलिनरी एसोसिएशन (आईएफसीए) द्वारा प्रमाणित प्रशिक्षण भी दिया जाता है.
बेटियों को उद्यमी बनाना है लक्ष्य
झारखंड की बेटियों को इस पाठयक्रम के जरिए खाद्य उद्यमी बनाना लक्ष्य है. सरकार के सहयोग से संचालित कौशल कॉलेज एक ऐसा पाठ्यक्रम प्रदान करता है जो प्रैक्टिकल कक्षाओं, थ्योरी कक्षाओं, प्रोडक्शन शॉप ( छात्रों द्वारा प्रबंधित एक इनहाउस कैफे), जीवन कौशल मॉड्यूल (संचार, डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, कार्य जीवन संतुलन और उद्यमिता) का सही मिश्रण है. आवासीय कॉलेज छात्राओं को उनके व्यक्तित्व और समाज के प्रति सेवा की भावना का निर्माण करने में मदद करती है. छात्रों को उद्यमिता (खाद्य उद्यमी) अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है. आईटीआई कौशल कॉलेज में छात्रों द्वारा संचालित सेवा कैफे है, जो खाद्य उद्यमियों की नर्सरी के रूप में कार्य करता है. इसका लक्ष्य झारखंड की बेटियों में उद्यमिता मानसिकता पैदा करने के मुख्यमंत्री के सपनों को साकार करना है. झारखंड की बेटियों द्वारा झारखंड में ही नौकरी के अवसर उपलब्ध कराना इस सेवा कैफे का उद्देश्य है.
Also Read: Jharkhand Village Story: झारखंड का एक गांव है बटकुरी, जहां नक्सली कभी नहीं दे सके दस्तक
बेटियां यहां कर सकती हैं संपर्क
कौशल कॉलेज में एडमिशन के लिए छात्राएं 10वीं पास करके app.prejha.org में अप्लाई कर सकती हैं. अधिक जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 6204800180 पर कॉल कर संपर्क किया जा सकता है.