चतरा, मो० तसलीम : जिले के प्रतापपुर वन क्षेत्र के नंदई जंगल से जलावन के सूखी लकड़ी व घेरान लेकर जा रहे बुजुर्ग को उठक-बैठक कराना वन कर्मियों को महंगा पड़ा. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए ट्वीट के माध्यम से उपायुक्त को मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई करते हुए सूचित करने की बात कही हैं. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी इस मामले पर ट्वीट कर कहा कि माफिया पूरा जंगल साफ कर रहे हैं, तब सरकार कहां सो रही होती हैं. अपने उपयोग के लिए सुखी टहनियों को ले जा रहे गरीब आदिवासियों पर इस तरह का जुल्म करना कहां तक वाजिब हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह शर्मनाक हैं.
उठक-बैठक कराकर दी थी चेतावनी
मालूम हो कि 28 जून को प्रतापपुर प्रखंड के नंदई जंगल से जलावन की सूखी लकड़ी व घेरान ले जा रहे बुजुर्ग को वन कर्मियों ने पकड़ा. जिसके बाद उन्हें उठक-बैठक करायी. साथ ही भविष्य में जंगल से लकड़ी नहीं काटने की चेतावनी दी गयी. इस कार्य में वनरक्षी विवेक कुमार व कृष्ण कुमार दास शामिल थे. इसके बाद से सरेआम बुजुर्ग को उठक-बैठक कराने पर सोशल मीडिया में वीडियो व फोटो वायरल हो गया. लोग इसे वन विभाग का अमानवीय कृत्य बताया. वन कर्मियों ने नियमो को ताक पर रखकर बुजुर्ग को सजा देते हुए उठक बैठक कराया था.
डीएफओ ने रेंजर को दिया जांच का आदेश
वन कर्मियों द्वारा बुजुर्ग को उठक बैठक कराने मामले में उत्तरी वन प्रमंडल के डीएफओ राहुल मीणा ने जांच का आदेश दिया है. जांच का जिम्मा वन क्षेत्र पदाधिकारी सूर्य भूषण कुमार को सौंपा हैं. जांच रिपोर्ट मिलते ही दोषी वनकर्मियों के विरूद्ध कार्रवाईहोगी. डीएफओ ने कहा की बुजुर्ग के साथ अमानवीय गैर-संवैधानिक व्यवहार किया गया है. कानून हाथ में लेने वाले वनकर्मी को बख्शा नहीं जायेगा.