Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं. यहां आये दिन हिंसा की अलग-अलग घटनाएं घट रही हैं. हिंसा के बीच आज राज्य के सीएम एन बीरेन सिंह भी जमीनी हालात का पता लगाने के लिए बिष्णुपुर-चुराचांदपुर से सटे पहाड़ियों पर पहुंचे. सीएम एन बीरेन सिंह के साथ भारी मात्रा में सुरक्षाकर्मी और अधिकारी मौजूद रहे. सामने आयी जानकारी के मुताबिक हिंसा के बीच इंफाल पश्चिम जिले के सभी इलाकों में कल सुबह 5 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जा रही है. बता दें मणिपुर में बीते दो महीनों से हिंसा का दौर लगातार जारी है और यहां अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
#WATCH | Manipur CM Biren Singh inspects the on-ground situation at the hills adjoining Bishnupur-Churachandpur today.
(Video source: CMO of Manipur) pic.twitter.com/6RZuRruGRa
— ANI (@ANI) July 2, 2023
मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में अज्ञात बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी में कम से कम तीन ग्राम स्वयंसेवक मारे गए और पांच अन्य घायल हो गए. पुलिस ने आज इस घटना की जानकारी दी. घटना की जानकारी देते हुए पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि खोइजुमंताबी गांव में शनिवार देर रात को यह घटना हुई, जब ग्राम स्वयंसेवक अस्थायी बंकर से इलाके की रखवाली कर रहे थे. शुरुआत में दो शव बरामद किए गए और बाद में एक और शव मिला.
पुलिस ने बताया कि गोलीबारी कई घंटे चली, जिसमें पांच लोग घायल भी हुए. पुलिस ने बताया कि इनमें से गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों को इंफाल के अस्पताल ले जाया गया. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पहुंचे और स्थानीय लोगों से बात की. पूर्वोत्तर के राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
लगभग 2 महीनों से जारी हिंसा के बीच कल यानी कि 3 जुलाई को इंफाल पश्चिम जिले के सभी इलाकों में सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी जाने वाली है.
Manipur | Curfew will be relaxed on 3rd July from 5 am to 6 pm in all areas of Imphal West district. pic.twitter.com/TagTGpSeGq
— ANI (@ANI) July 2, 2023
मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में 3 मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है. (भाषा इनपुट के साथ)