लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं, राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए हमें नए स्रोत भी बनाने चाहिए. चालू वित्तीय वर्ष के लिए 1.50 लाख करोड़ रुपये के जीएसटी (माल एवं सेवा कर) और वैट (मूल्य वर्धित कर) संग्रह लक्ष्य के अनुरूप ठोस कोशिश की जाए. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक में चालू वित्तीय वर्ष में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की थी. उन्होंने कहा, ‘‘राजस्व संग्रह को बढ़ाने के लिए शासन स्तर से क्षेत्र के अधिकारियों को स्पष्ट लक्ष्य दिया जाए और इसकी साप्ताहिक/मासिक समीक्षा की जाए. मेरे स्तर से त्रैमासिक समीक्षा की जाती रहेगी. सभी संबंधित विभाग लक्ष्य के सापेक्ष राजस्व संग्रह के लिए हर जरूरी प्रयास करें.’’ इस अवसर पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना भी मौजूद थे.
सीएम योगी ने बारी-बारी से जीएसटी, वैट, आबकारी, स्टाम्प एवं पंजीयन, परिवहन, भू-राजस्व और ऊर्जा में राजस्व संग्रह के लक्ष्य और उसके सापेक्ष प्राप्तियों का विवरण प्राप्त किया, साथ ही विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.उन्होंने कहा, ‘‘नियोजित प्रयासों से राज्य के कर-करेत्तर राजस्व संग्रह में सतत वृद्धि हो रही है. वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में विविध माध्यमों से अब तक 46 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राजस्व प्राप्ति हुई है. इसमें जीएसटी/वैट से 26 हजार करोड़ रुपये, एक्साइज टैक्स के रूप में 10 हजार करोड़ रुपये, स्टाम्प एवं पंजीयन से छह हजार करोड़ रुपये और परिवहन से 24 सौ करोड़ रुपये से अधिक का संग्रह हुआ है. यह स्थिति संतोषजनक कही जा सकती है. यह जनता से एकत्रित राशि है जो प्रदेश के विकास में, लोक कल्याणकारी कार्यों में व्यय होगा.’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राजस्व की चोरी राष्ट्रीय क्षति है. जीएसटी की चोरी-अपवंचन की कोशिशों को रोकने के लिए सजगता बढ़ाये जाने की जरूरत है. छापेमारी की कार्रवाई से पहले पुख्ता जानकारी इकट्ठा करें. खुफिया तंत्र को और बेहतर करने की आवश्यकता है.’’उन्होंने कहा कि विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता और बढ़ाये जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, हालांकि हाल के समय में इनकी सजगता से कर चोरी-अपवंचन पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता मिली है. फिर भी अभी कार्यशैली में व्यापक सुधार की जरूरत है. क्षेत्र में योग्य कुशल और दक्ष अधिकारियों को तैनाती दी जाए.