बिहार: जून के पहले 15 दिनों में जहां मानसून ने किसानों को निराश कर दिया. वहीं, सावन शुरू होने से पहले झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे पर मु्स्कान आ गयी है. किसान खेतों में बिचड़े तैयार करने में जूट गए हैं. पटना जिले में मानसून की बारिश पिछले कुछ दिनों से लगातार होने से धान का बिचड़ा गिराने में तेजी आयी है. जिले में अभी तक 7800 हेक्टेयर खेत में धान का बिचड़ा गिराने का काम हुआ है.अब मात्र 5200 हेक्टेयर में धान का बिचड़ा गिराना बाकी है. किसानों ने बताया कि अगर बारिश लगातार होती रही तो तीन से चार दिनों में धान का बिचड़ा गिराने का काम पूरा हो जायेगा.
धान की रोपनी के लिए जिले में 13 हजार हेक्टेयर में धान का बिचड़ा गिराने का लक्ष्य है.मानसून की बारिश नहीं होने से किसान परेशान थे. अब लगातार बारिश होने से किसानों के चेहरे पर खुशी है. किसान धान का बिचड़ा गिराने में लगे हैं. धान का बिचड़ा गिराने के बाद लगभग 20 दिनों में वह रोपनी के लायक होता है. रोपनी का काम जुलाई के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की उम्मीद है. किसानों ने बताया कि बारिश देर से शुरू होने के कारण धान का बिचड़ा गिराने में देरी हुई है.
Also Read: नीतीश कुमार के अंदर कॉलेज के दिनों की वो टीस जानिए, जिसकी वजह से बिहार में लागू कर गए पूर्ण शराबबंदी…
जिले में 1.30 लाख हेक्टेयर में धान की रोपनी होगी. जुलाई के अंत तक धान की रोपनी का काम पूरा हो जायेगा. जिले के अलग-अलग प्रखंड के निचले इलाके में किसानों ने बारिश का इंतजार नहीं कर बोरिंग से खेत का पटवन कर बिचड़ा गिराया था. उन जगहों पर एक सप्ताह बाद धान की रोपनी की जा सकती है. मसौढ़ी, पालीगंज, धनरूआ, संपतचक के कुछ इलाके में किसानों ने पहले धान का बिचड़ा गिराया था.जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में लगभग 60 प्रतिशत धान का बिचड़ा गिराने का काम हुआ है. जिले में 13 हजार हेक्टेयर में बिचड़ा गिराने का लक्ष्य है.