बिहार में मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो चुका है. बारिश लगातार पिछले कुछ दिनों से पड़ रही है. जिससे नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है. वहीं कोसी-सीमांचल समेत अन्य इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं जबकि पानी कम होते ही कटाव की समस्या खड़ी हो रही है. जिससे लाखों की आबादी प्रभावित हो रही है.
कटिहार में गंगा, कोसी नदियों में उफान बढ़ते ही प्रखंड क्षेत्र के लगभग तीस हजार की आबादी पर कटाव संकट का खतरा मंडराने लगा है. कटाव के खौफ ने तटीय क्षेत्रों गांव के लोगों की रात की निंद उड़ाने लगी है.कुरसेला अंतर्गत पत्थल टोला से लेकर खेरिया मधेली के गुमटी टोला तक लगभग आठ किलोमीटर दायरे में नदियों के कटाव ने तबाही मचाई है.
कटिहार जिले में नदियों के बदलते प्रवाह रुख से पत्थल टोला, खेरिया, बालूटोला, तीनघरिया, बसुहार, मजदिया, कमलाकान्ही, मधेली, गुमटीटोला गांवों पर कटाव से अस्तित्व संकट का खतरा बना हुआ है. किसानों की खेती वाली भूमि भी कोसी में समा रही है. खेरिया गांव के करीब कटाव होने से कुरसेला रेलवे स्टेशन पर खतरा मंडराने लगा है.
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पूर्णिया में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश से अमौर प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली कनकई, परमान, महानंदा, बकरा व दास नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. नदियों के जलस्तर में कमी होने से कटाव तेज हो गया है. इससे नदी किनारे बसे लोगों में भी भय का माहौल बन गया है.
बाढ़ नियंत्रण एवं जल संसाधन विभाग के एई अनुपम विजय ने बताया कि कटाव स्थल कह जांच करने जेई को निर्देश दिया गया है. इधर, कनकई नदी के किनारे बसे ज्ञानडोब पंचायत के सिमलबाड़ी नगरा टोल के लोग नदी कटाव की आशंका और बाढ़ के भय से पलायन करना शुरू कर कर दिया है. ग्रामीणों ने बताया कि ज्ञानडोव के सिमलबाड़ी नगरा टोल पर पिछले 5 वर्षों से कनकई नदी से कटाव जारी है.अब भयभीत होकर अपने घरों को तोड़कर लोग गांव छोड़ने लगे हैं.
भागलपुर में भी कटाव के कारण लोग प्रभावित हो रहे हैं. खरीक में कोसी का तांडव देखने को मिल रहा है. जहां बड़ी आबादी कटाव के कारण प्रभावित है. सिंहकुंड गांव के लोग रतजगा करने को मजबूर हैं. वहीं सबौर के इंग्लिस गांव में कटाव के कारण लोगों की नींद उड़ी हुई है.