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6G In India: भारत के पास 6जी प्रौद्योगिकी से जुड़े 200 पेटेंट, दूरसंचार मंत्री ने कही यह बात

Ashwini Vaishnav on 6G Technology in India - भारत ने पहली बार 5जी प्रौद्योगिकी के विकास कार्यक्रमों में अपना योगदान दिया है और हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के निकाय अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) ने भारत को 6जी ढांचे में भी शामिल किया है.

6G Technology: देशभर में जहां भारती एयरटेल और रिलायंस जियो 5जी नेटवर्क का जाल बिछाने में लगी हैं, वहीं नेक्स्ट जेनेरेशन की कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी को लेकर भी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस बाबत कहा है कि भारत को वर्ष 2030 तक वैश्विक 6जी पेटेंट में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखना चाहिए. वैष्णव ने भारत 6जी गठजोड़ के उद्घाटन कार्यक्रम में कहा कि भारत अब दूरसंचार प्रौद्योगिकियों का निर्यातक बन चुका है और इसके पास पहले से ही 6जी प्रौद्योगिकी से जुड़े करीब 200 पेटेंट हो चुके हैं. दूरसंचार मंत्री ने कहा, हमें वर्ष 2029 या 2030 तक 6जी पेटेंट के मामले में भारत की हिस्सेदारी को न्यूनतम 10 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य लेकर चलना चाहिए.

भारत 6जी गठजोड़ का मंच तैयार

भारत ने पहली बार 5जी प्रौद्योगिकी के विकास कार्यक्रमों में अपना योगदान दिया है और हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के निकाय अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) ने भारत को 6जी ढांचे में भी शामिल किया है. इस दिशा में जारी प्रयासों को गति देने के लिए भारत 6जी गठजोड़ का मंच तैयार किया गया है. वैष्णव ने कहा कि यह गठजोड़ देश में कार्यरत अधिक संस्थानों और कंपनियों को 6जी प्रौद्योगिकी के लिए अधिक पेटेंट आवेदन करने के लिए मिलकर काम करने को प्रोत्साहित करेगा. उन्होंने कहा कि पहले दूरसंचार क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जुटाना एक चुनौती होती थी लेकिन वर्ष 2014 से लेकर 2023 के पिछले नौ वर्षों में यह बढ़कर 24 अरब डॉलर के करीब पहुंच चुका है. उन्होंने कहा, प्रौद्योगिकी का आयात करने वाला भारत अब इसका निर्यातक बन चुका है. अब कई देश भारत में दूरसंचार उपकरणों का आयात करना चाह रहे हैं.

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भारत में पूरी तरह से डिजाइन और निर्मित पहली चिप जल्द आयेगी

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत के दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं ने अमेरिका को निर्यात करना शुरू भी कर दिया है. उन्होंने कहा, अगले दो-तीन साल में भारत में पूरी तरह से डिजाइन और निर्मित पहली चिप भी बनकर आ जानी चाहिए. भाषा की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनी माइक्रोन के गुजरात में प्रस्तावित चिप संयंत्र का शिलान्यास अगले 40-45 दिन में होने की उम्मीद है. उन्होंने करीब डेढ़ साल में इस संयंत्र से पहले चिप के आने उम्मीद जतायी.

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