प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दस्तावेज में जालसाजी कर चेशायर होम रोड स्थित जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में राजेश राय और भरत प्रसाद से पूछताछ के बाद सोमवार रात गिरफ्तार कर लिया है. इन्हें मंगलवार को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जायेगा. ईडी आगे की पूछताछ के लिए इन अभियुक्तों को रिमांड पर ले सकता है. इस तरह इस मामले में अब तक कुल 12 अभियुक्त गिरफ्तार किये जा चुके हैं.
ईडी ने सेना के कब्जेवाली जमीन की जांच और गिरफ्तारी के बाद चेशायर होम रोड स्थित जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है. गौरतलब है कि चेशायर होम रोड की यह जमीन विष्णु अग्रवाल ने खरीदी है. फॉरेंसिक लैब द्वारा की गयी जांच में दस्तावेज में जालसाजी कर इस जमीन की खरीद-बिक्री की पुष्टि की जा चुकी है. ईडी ने इस जमीन के फर्जी मालिक के पोते राजेश राय और उससे पावर ऑफ अटॉर्नी लेनेवाले भरत प्रसाद को पूछताछ के लिए बुलाया था. पूछताछ के बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
ईडी ने बड़गाईं अंचल के चेशायर होम रोड के खाता नंबर-37 प्लॉट नंबर-28 की जमीन के मामले की जांच की थी. इसमें यह पाया गया था कि कोलकाता के रजिस्ट्री कार्यालय में रखे गये मूल दस्तावेज में जालसाजी कर गंगाधर राय से वर्ष 1948 में जमीन की बिक्री जगदीश राय के नाम पर दिखायी गयी. इसके बाद जालसाजी गिरोह ने जगदीश के पोते राजेश को जमीन का कानूनी वारिस करार दिया.
इसके बाद उससे जमीन बेचने के लिए इम्तियाज अहमद और भरत प्रसाद ने पावर ऑफ अटॉर्नी ली. इम्तियाज अहमद को सेना के कब्जेवाली जमीन की खरीद-बिक्री के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. इम्तियाज और भरत प्रसाद ने पावर ऑफ अटॉर्नी लेने के बाद यह जमीन प्रेम प्रकाश के करीबी पुनीत भार्गव को 1.50 करोड़ रुपये में बेच दी. इसके बाद पुनीत भार्गव ने यह जमीन व्यापारी विष्णु अग्रवाल से 1.78 करोड़ रुपये में बेच दी. पुनीत भार्गव ने इसमें से 1.50 करोड़ रुपये प्रेम प्रकाश को दे दिये.