Coromandel Express Odisha Train Accident Reason : ओडिशा ट्रेन हादसे की जांच में कई खामियां सामने आयीं हैं और सीधे तौर पर स्टेशन मास्टर की गलती पता चली है. ओडिशा के बहनगा बाजार में विगत 2 जून को तीन ट्रेनों की दुर्घटना को टाला जा सकता था, जिसमें 275 लोगों की मौत हो गई, जबकि 1100 से अधिक लोग घायल हुए. रेलवे की जांच रिपोर्ट में इस दुर्घटना को लेकर कई तकनीकी पहलुओं पर रोशनी डाली गई है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के पास मौजूद रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की जांच रिपोर्ट के अनुसार, अगर स्टेशन मास्टर ने क्रॉसओवर पॉइंट पर सिग्नल के ‘बार-बार असामान्य व्यवहार’ की सूचना दी होती तो यह हादसा नहीं होता. क्रॉसओवर पॉइंट पर सिग्नल में गड़बड़ी के कारण दक्षिण की ओर जाने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस गलत तरीके से लूपलाइन में प्रवेश कर गई और एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई.
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भारतीय रेलवे की सिग्नल और टेलीकॉम (एस एंड टी) विभाग की कई विफलताओं की ओर इशारा करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि सिग्नलिंग कार्य में खामियों के बावजूद, स्टेशन मास्टर एसबी मोहंती क्रॉसओवर 17 ए/बी के सर्किट के लिए इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग लॉजिक तक फैली फाॅल्स फीड का पता लगा सकते थे. उस रोज कोरोमंडल एक्सप्रेस गलती से लूपलाइन पर आकर एक मालगाड़ी से टकरा गई थी.
Station Master SB Mohanty ने जब सिग्नल बदला, तो उसे बदलने में 14 सेकेंड लगते लेकिन वह तुरंत हो गया. जानकारों की मानें तो यह असामान्य था. स्टेशन मास्टर को इस पर ध्यान देना चाहिए था. यह electronic interlocking system का फाॅल्स फीड था. क्योंकि ट्रैक की ग्राउंड पोजिशन अचानक नहीं बदल सकती. आम तौर पर स्टेशन मास्टर जब भी सिग्नल बदलते हैं, तो 14 सेकेंड में होने वाले बदलाव तक वहां रुकते हैं. अगर मोहंती इस गड़बड़ी को पकड़ लेते, तो वह Coromandel Express को पास नहीं होने देते और हादसा टल जाता.