प्रेम प्रकाश के करीबी पुनीत भार्गव ने सेल डीड में चेशायर होम रोड की जमीन 1.87 करोड़ रुपये में खरीदने का उल्लेख किया है. लेकिन, जांच में पुनीत भार्गव की ओर से राजेश राय को सिर्फ 25 लाख रुपये दिये जाने का ही प्रमाण मिला. राजेश राय से जमीन खरीदने के बाद पुनीत भार्गव ने दूसरे संदेही विष्णु अग्रवाल को यह जमीन दो सेल डीड के सहारे बेच दी. इडी ने पीएमएलए कोर्ट को चेशायर होम रोड की जमीन की खरीद-बिक्री में हुई जालसाजी के सिलसिले में कोर्ट को यह जानकारी दी.
इडी ने कोर्ट को बताया कि जालसाजी कर जमीन के मालिक बनाये गये राजेश राय ने भरत प्रसाद और इम्तियाज को पावर ऑफ अटॉर्नी दी. बाद में इन दोनों के माध्यम से राजेश राय ने यह जमीन पुनीत भार्गव को 1.87 करोड़ रुपये में बेच दी. जांच में पाया गया कि पुनीत भार्गव ने शिवा फैबकॉन नामक कंपनी के बैंक ऑफ बड़ौदा के खाता नंबर-52580200000085 से सिर्फ 25 लाख रुपये ही राजेश राय के एसबीआइ के खाता नंबर-31180122501 में दिये.
शेष 1.53 करोड़ रुपये के फर्जी भुगतान का दावा सेल डीड में किया गया. राजेश राय ने रुपये मिलने के बाद इसमें से तीन किस्तों में 18 लाख रुपये ग्रीन ट्रेडर्स के खाते में ट्रांसफर किया. राजेश से 15-16 फरवरी 2021 को आठ-आठ लाख रुपये और 24 फरवरी 2021 को दो लाख रुपये ट्रांसफर किये. ग्रीन ट्रेडर्स नामक कंपनी जालसाज गिरोह के सदस्य सद्दाम की है. इसके अलावा राजेश राय ने 17 और 19 फरवरी 2021 को तीन-तीन लाख औ 24 फरवरी को 1.1 लाख रुपये की नकद निकासी की.
इडी की ओर से दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री का उल्लेख करते हुए कोर्ट को बताया कि कोलकाता के रजिस्ट्रार द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच दल ने 39 सेल डीड के फर्जी होने की पुष्टि की है. इसमें वर्ष 1941 का सेल डीड संख्या-1219, वर्ष 1948 का सेल डीड नंबर-184 शामिल है. इन दोनों डीड में राजेश राय की संलिप्तता है. इसके अलावा वर्ष 1974 का गिफ्ट डीड नंबर-4403 में भरत प्रसाद संलिप्त है. इस गिफ्ट डीड में पांच भू-खंड शामिल हैं, जिसमें जालसाजी की गयी है.