मुंबई : महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में चाचा-भतीजे की लड़ाई में नंबर गेम के मामले में भतीजा अजित पवार ज्यादा ‘पावरफुल’ साबित हो रहे हैं. पार्टी सूत्रों के हवाले से मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की ओर से बुधवार को मुंबई में बुलाई गई एनसीपी की बैठक में पार्टी के 53 विधायकों में से कम से कम 35 विधायक शामिल हुए. सूत्रों ने दावा किया कि विधायकों की यह संख्या और बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि एनसीपी के आठ विधानपार्षद में से भी पांच नेता बांद्रा के एमईटी कॉलेज में हो रही बैठक में भाग ले रहे हैं.
अजित को 36 विधायकों के समर्थन की जरूरत
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र विधानमंडल के पूर्व प्रधान सचिव अनंत कलसे ने कहा कि अजित पवार को अयोग्यता से बचने के लिए कम से कम 36 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है. एनसीपी के प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनने के लिए उनसे बगावत करने वाले उनके भतीजे अजित पवार की ओर से शक्ति प्रदर्शन के लिए बुलाई गई अलग-अलग बैठकों से कुछ घंटे पहले दोनों नेताओं के समर्थकों की भीड़ बुधवार को दक्षिण मुंबई स्थित उनके आवासों के बाहर एकत्र हो गई.
अकेले लड़ाई लड़ रहा 83 साल का योद्धा
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एनसीपी का शरद पवार धड़ा दक्षिण मुंबई के यशवंतराव चव्हाण केंद्र में और पार्टी का ही अजित पवार धड़ा उपनगरीय बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी में बुधवार को अपनी-अपनी बैठक कर रहा है. शरद पवार के दक्षिण मुंबई स्थित आवास ‘सिल्वर ओक’ के बाहर एकत्र उनके समर्थकों की भीड़ में एक पार्टी कार्यकर्ता को पोस्टर थामे देखा गया, जिस पर लिखा था- ‘83 वर्षीय योद्धा अकेले लड़ाई लड़ रहा है’.
एनसीपी के बागी नेताओं की पहली बैठक
अजित पवार के बांद्रा में बैठक के लिए रवाना होने से पहले उनके समर्थक भी दक्षिण मुंबई में देवगिरी स्थित उनके आवास के बाहर एकत्र हुए. अजित पवार के आवास के बाहर एनसीपी के एक कार्यकर्ता ने कहा कि हम दादा (अजित पवार) के कट्टर समर्थक हैं. हम बारामती से आए हैं. विधायक अनिल पाटिल ने दावा किया कि पार्टी के 53 में से 40 विधायक अजित पवार के समर्थन में हैं. अजित पवार, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल और हसन मुशरिफ सहित नौ विधायकों की बगावत के चलते रविवार को पार्टी के टूटने के बाद यह दोनों गुटों के सभी पदाधिकारियों की पहली बैठक है. दोनों गुटों ने दावा किया है कि उन्हें ज्यादातर विधायकों का समर्थन हासिल है.