16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बोकारो के रेडियम गांव में बारिश से बह जाती है सड़क, खुद मरम्मत करने को मजबूर हैं ग्रामीण

बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड अंतर्गत पचमो पंचायत के झुमरा पहाड़ के निकट रेडियम गांव में पक्की सड़क तक नहीं है. हर साल बरसात के दिनों में, जो कच्ची सड़क है, वह बह जाती है. साल में दो बार यहां के ग्रामीण खुद मजदूरी करके इस सड़क की मरम्मत करते हैं.

ललपनिया (बोकारो), नागेश्वर. पूरे देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन आज बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड अंतर्गत पचमो पंचायत के झुमरा पहाड़ के निकट रेडियम गांव में पक्की सड़क तक नहीं है. हर साल बरसात के दिनों में, जो कच्ची सड़क है, वह बह जाती है. साल में दो बार यहां के ग्रामीण खुद मजदूरी करके इस सड़क की मरम्मत करते हैं, ताकि आना जाना आसान हो.

सड़क मरम्मती के लिए खुद मजदूरी करने पर मजबूर हैं ग्रामीण

रेडियम गांव के ग्रामीण कृषि करके अपना गुजारा करते हैं. गांव पचमो -झुमरा पहाड़ पथ के लिंक रोड से लगभग एक किलोमीटर की दूरी में बसा है. खुद सड़क बनाने पर ग्रामीणों का कहना है कि वे मजबूर हैं, उनके पास दूसरा कोई ऑप्शन नहीं है. स्थानीय विधायक, सासंद और पूर्व विधायक को भी गांव की इस समस्या के बारे में पता है, लेकिन इस दिशा में किसी ने कोई पहल नहीं की है. वर्तमान में जिला प्रशासन की ओर से झुमरा पहाड़ में सुअवर कटवा, बलथरवा, सिमरा वेडा, अमन जैसे पिछड़ा गांव में प्रधान मंत्री सड़क निर्माण योजना के तहत सड़क के अलावा पुल, पुलिया का निर्माण किया जा चुका है.

बीमार व्यक्ति या प्रेग्नेंट महिला को खटिया पर टांगकर ले जाना होता है अस्पताल

वहीं, रेडियम गांव में इस दिशा में कोई पहले नहीं हुई है. यहां के ग्रामीणों को अब कोई उम्मीद भी नहीं है कि वहां कभी पक्की सड़क बनेगी. ग्रामीण काफी दुखी हैं, उन्हें कई समस्याओं का सामाना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि किसी भी बीमार व्यक्ति या प्रेग्नेंट महिला को अस्पताल लेकर जाना हो तो खटिया (चारपाई) पर टांग कर लिंक पथ झुमरा ललपनिया ले जाना पड़ता है. फिर वहां से वाहन मिलता है. मजबूर होकर जर्जर और पानी में बहे सड़क की ग्रामीण खुद मरम्मत करते हैं. सड़क की मरम्मती में गावं के पुरुषों के साथ महिलाएं भी काम करती हैं.

बजट काफी बड़ा होने के कारण नहीं बन पाया सड़क

बोकारो के गोमिया प्रखंड के बीडीओ कपिल कुमार ने बीते साल जेई को गांव भेजकर नरेगा विभाग से सड़क निर्माण कराने पर जोर दिया गया था, लेकिन काफी बड़ा बजट बनने से नरेगा से पथ निर्माण पर बल नहीं दिया जा सका. कहा गया कि पथ के निर्माण में गार्ड वाल के अलावा कई पुलिया बनाना होगा. जिसपर जिला के वरीय पदाधिकारी को पत्राचार कर पथ निर्माण कराने की बात कही गई.

Also Read: झारखंड में कई ऐसे गांव जो बरसात में बन जाते हैं टापू, जानें कारण

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें