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औरंगाबाद में डॉक्टरों के बाद अब 200 से ज्यादा एम्बुलेंस कर्मचारी भी जा सकते हैं हड़ताल पर, दिया अल्टीमेट

औरंगाबाद जिले के एंबुलेंस कर्मियों को कहना है कि प्रबंधन द्वारा वेतन नहीं दिया जा रहा है. अगर वेतन नहीं मिलता है तो सभी एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे. एंबुलेंस कर्मी 12 घंटे कार्य करते हैं और आठ घंटे की मजदूरी उन्हें दी जाती है.

औरंगाबाद सदर अस्पताल में डॉक्टरों के हड़ताल के बाद अब जिले के लगभग 200 एंबुलेंस चालक हड़ताल पर जाने का मन बना चुके हैं. कभी भी वे मानदेय को लेकर हड़ताल पर जा सकते है. पता चला कि एंबुलेंस चालकों को चार महीने से वेतन का भुगतान भी नहीं हुआ है. ऐसे में एंबुलेंस कर्मियों में काफी नाराजगी है. एंबुलेंस चालकों का आरोप है कि चार महीने से किसी को वेतन नहीं मिला है और 10 महीने का पीएफ भी काट लिया गया.

हड़ताल पर जा सकते हैं एंबुलेंस कर्मी

बुधवार को सदर अस्पताल परिसर में एंबुलेंस कर्मियों ने बैठक कर अस्पताल प्रबंधक के खिलाफ नाराजगी जताते हुए नारेबाजी की. एंबुलेंस कर्मी संतोष कुमार टाइगर ने कहा कि एंबुलेंस कर्मियों को प्रबंधन द्वारा वेतन नहीं दिया जा रहा है. अगर वेतन नहीं मिलता है तो सभी एम्बुलेंस कर्मी हड़ताल पर जाने को बाध्य होंगे. एंबुलेंस कर्मी 12 घंटे कार्य करते हैं और आठ घंटे की मजदूरी उन्हें दी जाती है. समय से वेतन का भुगतान नहीं होने के कारण सभी कर्मी भुखमरी के कगार पर पहुंच गये है. अब आंदोलन ही एकमात्र रास्ता हैं.

10 जुलाई तक मानदेय दिये जाने की मांग

कर्मियों ने सिविल सर्जन के साथ-साथ जिलाधिकारी और श्रम अधीक्षक का ध्यान दिलाते हुए 10 जुलाई तक मानदेय दिये जाने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर उन्हें 10 जुलाई तक मानदेय नहीं मिलता है तो 11 जुलाई को सामूहिक रूप से एकदिवसीय अवकाश पर जायेंगे. कर्मियों ने यह भी कहा कि हड़ताल के दौरान अगर एंबुलेंस सेवा की ओर से कोई भी बाधा उत्पन्न होती है तो उसका पूर्ण रूप से जिम्मेवार जिला स्वास्थ्य समिति और एंबुलेंस संचालक की एजेंसी होगी.

तीन दिन से हड़ताल पर हैं डॉक्टर 

गौरतलब हो कि तीन दिनों से सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने भी वेतन कटौती, स्पष्टीकरण व मनमानी के विरोध में हड़ताल कर रखा है. बुधवार को तीसरे दिन भी अधिकांश डॉक्टर हड़ताल पर रहे. जिन आयुष चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति सदर अस्पताल में करायी गयी है, उन्हीं द्वारा इलाज भी किया गया. वैसे दोपहर के वक्त डॉक्टरों को हड़ताल से वापस लौटने से संबंधित वार्ता भी हुई. लेकिन, उसका असर नहीं हुआ. एक तरफ सिविल डॉ रविभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टरों का हड़ताल खत्म हो गया है. लेकिन, ठीक दूसरे तरफ डॉक्टरों का कहना था कि उनसे वार्ता ही नहीं हुई है. ऐसे में हड़ताल खत्म होने की बात गलत है. 

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