Sawan 2023: इस युग में भी कई ऐसे बेटे हैं जो आज भी मां-पिता को अपना भगवान मानकर उनकी पूजा करते हैं. ऐसा ही नजारा मुंगेर में कच्ची कांवरीया पथ पर देखने को मिला. जहां कलयुग के श्रवण कुमार द्वारा कांवड़नुमा बहंगी बनाकर उस पर वृद्ध मां को बिठा बाबाधाम जाते दिखे. श्रद्धा के साथ पुत्र प्रेम का यह नजारा जिसने भी देखा वो भी हैरान रह गया.
सावन महीने के शुरू होने के साथ ही कच्ची कांवरिया पथ पर सुल्तानगंज गंगा घाट से जल लेकर बाबा धाम जाने का सिलसिला प्रारंभ हो चुका है. इस दौरान विभिन्न प्रकार के कांवरिया भी बाबा धाम जा रहे हैं. एक ऐसा ही खगड़िया जिला से आएं कांवरिया जो इस कलयुग में श्रवण कुमार की तरह ही अपने वृद्ध माता को बहंगी में बिठा कर 105 किलोमीटर लंबा सफर पैदल तय कर बाबाधाम के लिए निकल पड़ा है.
श्रवण कुमार बना बेटा खगड़िया निवासी रंजीत साह ने बताया कि पिछले साल उनकी मां बीमार थी और वो बाबाधाम जा रहे थे. तो उसी समय प्रण किया था कि अगर उनकी मां ठीक हो गई तो वो इस साल मां द्रोपदी देवी को बहंगी पर लेकर बाबाधाम जायेंगे. इसी प्रण को पूरा करने के लिए वे अपने अन्य दो भाई और परिवार के साथ माता को कांवरनुमा बहंगी पर बिठाकर दो भाइयों द्वारा उसे कंधे के सहारे बाबाधाम ले जा रहे हैं. उसके साथ पूरा परिवार भी इस इस यात्रा में शामिल होकर तीनों भाइयों और बूढ़ी माता का सहयोग कर रहा है.
सावन में कांवर पथ से सामने आई यह तस्वीर यह बताती है कि इस कलयुग में भी ऐसे लोग देखने को मिल जाते हैं, जो अपने माता-पिता को भगवान का दर्जा देते हैं. इनके लिए मां-बाप ही सर्वोपरी होते हैं. यही वजह है कि लोग इनकी सराहना करते थक नहीं रहे.