पटना. सभी यूनिवर्सिटियों में एडमिशन की प्रक्रिया जारी है. एडमिशन के दौरान यूजीसी ने सभी यूनिवर्सिटियों को फीस रिफंड को लेकर पुन: एक पत्र जारी किया है. यूजीसी ने कहा है कि कई यूनिवर्सिटी व कॉलेज एडमिशन कैंसिल कराने पर स्टूडेंट्स की फीस वापस नहीं करते हैं. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. फीस रिफंड नहीं करने वाले संस्थानों के खिलाफ विद्यार्थी यूजीसी के पोर्टल पर जाकर शिकायत कर सकते हैं. शिकायत के बाद ऐसे संस्थानों पर यूजीसी कार्रवाई करेगी और विद्यार्थियों की फीस वापस करायेगी.
यूजीसी की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि यदि छात्र 30 सितंबर तक एडमिशन रद्द करते हैं या वापस लेते हैं तो उन्हें फीस की पूरी रकम वापस की जानी चाहिए. वहीं, 31 अक्तूबर तक इनरोलमेंट वापस लेने वालों के लिए प्रोसेसिंग फीस के रूप में 1,000 रुपये से अधिक की कटौती नहीं की जानी चाहिए.
यूजीसी ने कहा है कि यह सर्कुलेशन अभिभावकों और स्टूडेंट्स से मिली शिकायतों के बाद जारी किया गया है. एडमिशन की औपचारिक रूप से अधिसूचित समय सीमा से 15 दिन या अधिक पहले प्रवेश कैंसिल कराने पर 100 प्रतिशत फीस वापस होगी. छात्रों को अपने प्रवेश को एक संस्थान से दूसरे संस्थान में स्थानांतरित करने में सुविधा प्रदान करने के लिए यूजीसी द्वारा फीस वापसी और मूल प्रमाणपत्रों को न रखने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा यूजीसी ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में प्रवेश वापस लेने वाले छात्रों की किसी भी शिकायत का निवारण करने के लिए एचइआइ को निर्देश दिया है.
Also Read: बिहार के अभ्यर्थी राज्य में ही देंगे NTA की सभी परीक्षाएं, शिक्षा विभाग कर रहा खास तैयारी
यूजीसी चेयरमैन प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा कि यूजीसी हर कदम पर स्टूडेंट्स के साथ है क्योंकि अगर स्टूडेंट्स दूसरी जगह एडमिशन लेता है तो उसे फीस वापसी या डॉक्यूमेंट को लेकर कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए. यूजीसी की सख्ती के चलते 2022-23 में हजारों छात्रों की फीस वापस हो पायी है. यूजीसी ने 29,10,62,350 करोड़ रुपये की फीस रिकवर की है, जिसे छात्रों को दिया जा रहा है.