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खोरठा कहानी : लोकदिन

भुटकाक बाप आपन मांय के बात सुइन कें दुविधा में फइस गेलय. उ सोचे लागलइ कि अखन भुटकाक आर भुटकिक जोरा-पारी में ककरो बिहा नाञ भेल हे.

पुनीत साव

भुटकाक आजी बड़ी बछर से कहते आय रहल हे कि भुटकाक आर भुटकी दुइयो भाय-बहिन के बिहा कइर दिहीं. हामें ओखनिक बिहा देख कें मोरबइ! भुटकाक कनियाय के तो देख लेबइ! आर भुटकियोक बोर! भुटकाक बाप आपन मांय के बात सुइन कें दुविधा में फइस गेलय. उ सोचे लागलइ कि अखन भुटकाक आर भुटकिक जोरा-पारी में ककरो बिहा नाञ भेल हे.

भुटकाक बाप रमना आपन जीवन संगी से ई बात कहलकइ। भुटकाक मांय ई बात सुइन कें कहलइ- हां त कि अब आपन नुनू आर नुनी बिहा करे जुकूर नाञ भेल हे ने की?? नुनूक पच्चीस बछर आर नुनीक बाइस बछर दिन भे गेलइ. आर कते बछर बाद बिहा करे खोजो हे??

कनहूं-कनहूं ओकर जुकूर कनियाय देखतलहे आर भुटकी जुकुर बोर.भुटकाक आजियो ठीके कहो हथिन की नुनू आर नुनी बूढ़ाय जात ताब बिहा करभेह ने की?? भले नुनूक नोकरी-चाकरी नाञ भेल हे मकिन पढ़ाय-लिखाय तो करिये रहल हे आर नुनियो तो पइढ़ कें घरकरना कइर रहल ही. ”आइग लागे ई सरकरवा के, जे नोकरिक लेल साइठ-चालीस नियम बनाय देल हे”. अकरो से पहिले ओला सरकरवा ” तेरो-गारो करले हल!”

हमर तो कहियो काजे नाञ छुटत. ने तोञ नुनूक बिहा करबे आर नाञ दोसर कुछो. हमर तो खटइत-खटइत डंडा टुइट गेल हे. आर नुनी तोर मदइत नाञ करतलो ताब आर तोञ की बजिकतले?? अतना बजिकल के बादें भुटकाक बाप आपन नुनू आर नुनिक बिहा करेक लेल तइयार भे गेलइ. बिहाक लेल जंदे-जंदे से कुटुम्ब आवे तंदे-तंदे देखा-सुनी होवे. मकिन कोय फाइदा नाञ! साब के अगुवा लेले आवइ आर खियान-पियान करावइ. मकिन कोय लड़का पसंद करो हे ताब लड़की नाञ आर कोय लड़की पसंद करो हे त लड़का नाञ!

भुटकाक बाप दहेज़ कम मिलेक लेल लड़की छांइट दे हे आर लड़कियो गोर-नार खोजो हे. आर आपन नुनिक बोर नोकरी ओला खोजो हे. एहे तरी देखा-सुनी करते-करते दु बछर दिन आर बीत गेलय. भुटकाक आजी रमना पर गोसाय लागलइ. कहलकइ- देखबो जे हमर मोरलाक बादो भुटकाक आर भुटकिक बिहा नाञ करबें से??

रमना- भुटकाक आर भुटकिक बिहा काहे नाञ करबइ? मकिन हमर जोरें पटिया हमर से मेल खयते ताब ने गो. तोर जीते करबइ मकिन तोरा अतना धरफरी की लेल होय रहल हो गो? हम तो मोइर जीबे करबइ रे नुनू मकिन हामर हिंछा हे कि हामें भुटकिक लोकदिन जाय के मोरियइ. बेचारी ओकरा हुवांक बारें हमर से बेस के बतइतइ?

रमना- हां, हामें तो सोचो हलों कि लोकदिन ओखनिक सखी-सहेली आर नानी जितय ने की. मकिन तोञ लोकदिन आर बिहा देखेक लेल अइसन जिद करले हें ताब बेस बात हे. आब झट लगन आर पट बिहा होवो हे. पहिले बारात बइल गाड़ी से आवो हला. अब तो मोटर गाड़ी से आवो हइथ ताब लोकदिन के की मतलब?? बेटिक बिहा गिदर घरी अठारो बछर से पहिले होय जा हलइ से लेल लोकदिन के जउरत होवो हल. मकिन आब तो गिदर में बिहा नाञ होवो हे?

रमनाक मांय- ” ताब तोञ लोकदिन के लुगा फाटा जे मिलो हे सेहो नाञ लिये देबें आपन समधिया से?” भुटकियोक तोर आसिरबाद मिलतइ आर ससुराइर के जानकारी भी. तोञ ओकर संगे लोकदिन चइल जो आर जे-जे तोर संगे जीतो ओकरो लेले जो. एगो गाड़ी में बोर-कनियाय आर लोकदिन बइसलइ आर दोसर में बाराती. आजी नतिनी संगे लोकदिन चइल गेलइ. भुटका आर भुटकी दुइयो भाय- बहिन के बिहा भे गेलइ. भुटकाक जोरें एगो लोकदिन अइलइ. भुटकियोक आजी भुटकी जोरें लोकदिन जाय के आपन सरधा पूरा करलइ.

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