बिहार के मधुबनी जिले में एक फर्जी CDPO कार्यालय पर जिला प्रशासन का डंडा चला है. इस कार्यालय से उगाही का बड़ा खेल चल रहा था. बताया जा रहा है कि एसडीओ अभिषेक कुमार ने अनुमंडल मुख्यालय स्थित लोहिया चौक के समीप किराये की मकान में अवैध रूप से चल रहे प्रगतिवाद बाल विकास कार्यालय को सील कर दिया है. एसडीओ को शिकायत मिली थी कि राशि की उगाही कर फर्जी सेविका, सहायिका की बहाली की जा रही है. फर्जी कार्यालय सील करने के बाद एसडीओ ने फुलपरास, घोघरडीहा, खुटौना एवं लौकही प्रखंड के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को क्षेत्रांतर्गत संचालित संस्थाओं की जानकारी प्राप्त कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
एसडीओ ने कहा है कि फुलपरास के लोहिया चौक के पास किराये की मकान में प्रगतिवाद बाल विकास कार्यालय संचालित है. विभिन्न पंचायतों में अवैध रूप से सीधे सेविका सहायिका का बहाली कर आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन करने की शिकायत प्राप्त हुई है. बहाली के नाम पर प्रति आंगनबाड़ी केंद्र पचास हजार रुपये भी लिया जा रहा है. इस संबंध में एसडीओ ने कार्यालय संचालक से भी पूछताछ की. लेकिन संचालक द्वारा कार्यालय संचालन के संबंध में कोई साक्ष्य या कागजात प्रस्तुत नहीं किया गया. जिसके बाद कार्यालय संचालन के संबंध जिला स्तर से निर्गत आदेश की प्रति प्रस्तुत करने तक प्रगतिवाद बाल विकास कार्यालय को सील किया गया है.
विदित हो कि प्रगतिवाद बाल विकास कार्यालय के तहत अनुमंडल क्षेत्र के चारों प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के अलावे झंझारपुर अनुमंडल क्षेत्र के मधेपुर प्रखंड के तरडीहा, मटरास एवं डारह पंचायत में एक एक केंद्र संचालित है. प्रगतिवाद बाल विकास कार्यालय द्वारा फुलपरास प्रखंड में 56, खुटौना प्रखंड में 6, घोघरडीहा प्रखंड में 43 एवं लौकही प्रखंड में सबसे अधिक 64 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है.