बिहार के लोगों को दिसंबर के महीने में एक बड़ा तोहफा मिलने की संभावना है. बताया जा रहा है कि NH-2 (पु) वाराणसी-औरंगाबाद सिक्सलेन (Varanasi-Aurangabad Sixlane) का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है. फिलहाल सड़क निर्माण का फिजिकल प्रोग्रेस करीब 74.42 फीसदी है. साथ ही फाइनांसियल प्रोग्रेस करीब 61.84 फीसदी है. इस सड़क का निर्माण करीब 192.4 किमी लंबाई में हो रहा है. इसमें से करीब 143.20 किमी लंबाई में निर्माण पूरा हो चुका है. बची हुई करीब 49.2 किमी लंबाई में सड़क बनाने के दौरान कैमूर जिले में कुछ जगह जमीन अधिग्रहण में समस्या आ रही है. एनएचएआइ ने इसके लिए सरकार से मदद मांगी है.
वाराणसी-औरंगाबाद का पुराना नाम जीटी रोड एनएच-2 है और यह दो लेन की सड़क थी. इसे वर्तमान में एनएच-19 कर दिया गया है. 2011 में इस सड़क को सिक्सलेन बनाने का काम शुरू हुआ. उस समय इसकी अनुमानित लागत करीब 2848 करोड़ रुपये थी. यह अब बढ़ कर करीब 4100 करोड़ रुपये हो गयी है. इसका निर्माण 2011 में शुरू और 2014 में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था. जमीन अधिग्रहण की समस्या से इस परियोजना में विलंब हुआ है. इस कारण परियोजना की लागत में भी इजाफा हो गया.
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इस सड़क के बनने से औरंगाबाद सहित रोहतास, गया और कैमूर जिलों को सीधा फायदा होगा. साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. इससे आम नागरिकों के साथ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और मुंबई से आने वाली मालवाहक गाड़ियों को भी सुविधा होगी. इसके साथ ही परिवहन खर्च और समय में बचत होगी. पटना-गया-डोभी सड़क बनने के बाद लोगों को पटना से वाराणसी जाने का एक वैकल्पिक मार्ग वाराणसी-औरंगाबाद से होकर मिल सकेगा.