मुंबई : महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में ‘चाचा-भतीजे’ की जंग के बीच एकनाथ शिंदे मंत्रिमंडल का विस्तार होना भी संभावित है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार के बागी होकर भाजपा से हाथ मिलाने के बाद महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का विस्तार होना आवश्यक हो गया है. इस बाबत पूछे जाने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द ही होगा. हालांकि, शिवसेना के शिंदे गुट के विधायकों ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि सरकार में शामिल पुराने मंत्रियों को हटाकर नए लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए. शिंदे गुट के विधायकों ने पिछले शनिवार को बैठक कर पार्टी को अल्टीमेटम दिया था कि अगर उनके विधायकों को मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री की जगह नहीं मिलती है, तो पिछले एक साल से उनकी पार्टी के बने मंत्रियों को हटाकर नए विधायकों को मंत्री बनाया जाए.
एक बार फिर चौंका सकती है भाजपा
हालांकि, मीडिया की खबरों में कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर भाजपा एक बार फिर सबको चौंकाने की तैयारी में जुट गई है. बताया जा रहा है कि एनसीपी से बगावत करने के बाद भाजपा ने अजित पवार और उनके समर्थक विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाकर चौंका दिया है, उसी प्रकार मंत्रिमंडल के विस्तार में भी वह कुछ ऐसा ही कर सकती है. सूत्रों के हवाले से मीडिया की खबरों में बताया जा रहा है कि भाजपा अपने चार पुराने मंत्रियों का पत्ता साफ करके नए चेहरों को मौका दे सकती है. पार्टी उन चार लोगों को मंत्रिमंडल से हटाने पर मंथन कर रही है, जिनका परफॉर्मेंस कमजोर होने की रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपी गई है. इन मंत्रियों में एक मुंबई, एक उत्तर महाराष्ट्र और दो पश्चिम महाराष्ट्र के बताये जा रहे हैं.
दिल्ली से भाजपा आलाकमान करेगा फैसला
खबरों में बताया जा रहा है कि आगामी एक सप्ताह के अंदर महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल पर फैसला कर लिया जा सकता है. मंत्रिमंडल विस्तार में अजित पवार गुट के विधायकों को कुछ विभाग बांटे जा सकते हैं. महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल में अजित पवार गुट के विधायकों को शामिल करने के मामले पर दिल्ली से भाजपा आलाकमान ही कर सकता है. बताया जा रहा है कि अजित पवार खुद वित्त मंत्रालय हासिल करना चाहते हैं. हालांकि, उनकी इस मांग पर एकनाथी शिवसेवना के विधायकों को आपत्ति है.
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17 जुलाई से मॉनसून सत्र शुरू होने की संभावना
मीडिया की खबरों के अनुसार, महाराष्ट्र में आगामी 17 जुलाई से विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत होनी है. सत्तारूढ़ दलों के लिए मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार करना भी एक चुनौती है. इसका कारण यह है कि अभी एनसीपी में ही यह तय नहीं हो पाया है कि पार्टी के 53 विधायकों में से कौन शरद पवार के साथ रहेंगे और कौन अजित गुट के साथ. हालांकि, अजित पवार को अयोग्यता से बचे रहने के लिए कम से 36 विधायकों की जरूरत है, लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम इतनी तेजी से बदल रहा है कि शरद पवार को कोई विधायक अजित गुट में चला जाता है, तो अजित गुट से टूटकर विधायक शरद पवार के खेमे में शामिल हो जा रहे हैं. ऐसी स्थिति में अभी यह तय नहीं हो पाया है कि एनसीपी का कौन विधायक अजित गुट में रहेगा और कौन शरद पवार के गुट में.