भारतीय टेस्ट टीम को पिछले एक दशक में विदेशों में अप्रत्याशित सफलता किसी भी परिस्थिति में अच्छा प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाजी आक्रमण के कारण मिली लेकिन वेस्टइंडीज में दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला खेलने के लिए गई टीम के तेज गेंदबाजों को लेकर यह बात नहीं कही जा सकती. प्रत्येक टीम कभी ना कभी बदलाव के दौर से गुजरती है लेकिन स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने तथा मोहम्मद शमी और उमेश यादव की अनुपस्थिति के कारण भारत के मामले में यह दौर उससे जल्दी जुड़ गया.
बुमराह की खलेगी कमी
विराट कोहली जब कप्तान थे तो वह पांच गेंदबाजों के साथ उतरने को प्राथमिकता देते थे और तब भारतीय तेज गेंदबाजों ने हमेशा अच्छा प्रदर्शन किया. विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के लगातार दो फाइनल में हार के बाद भविष्य के लिए योजना बनाना सही होगा. शमी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के एक और चक्र में खेल सकते हैं लेकिन 35 वर्षीय उमेश यादव के लिए ऐसा नहीं कहा जा सकता. टीम बुमराह की सेवाएं लेना पसंद करेगी लेकिन वह अपनी वापसी पर लंबे प्रारूप की चुनौतियों को झेल पाएंगे या नहीं इसको लेकर संदेह है. ऐसे में भारत के पास वर्तमान समय में तेज गेंदबाजी के बहुत कम विकल्प हैं.
सिराज संभालेंगे तेज गेंदबाजी का जिम्मा
मोहम्मद सिराज हाल में भारत के सबसे सफल तेज गेंदबाज रहे हैं और अब तक 19 टेस्ट मैच खेलने वाला हैदराबाद का यह खिलाड़ी वेस्टइंडीज में तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई करेगा. क्या टीम 31 वर्षीय जयदेव उनादकट को विकल्प के रूप में देख रही है जिन्होंने पिछले साल बांग्लादेश में 12 साल बाद टेस्ट टीम में वापसी की थी.तेज गेंदबाजी विभाग में चोटों से जूझने वाले नवदीप सैनी और अभी तक एक भी टेस्ट मैच नहीं खेलने वाले मुकेश कुमार भी शामिल हैं. एक अन्य तेज गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा को वेस्टइंडीज में आजमाया जा सकता था लेकिन वह भी बुमराह की तरह चोटिल हैं. दलीप ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले 24 वर्षीय शिवम मावी अभी युवा हैं लेकिन वह वेस्टइंडीज का दौरा करने वाली टीम का हिस्सा नहीं हैं.
वेस्टइंडीज में टेस्ट के लिए भारत की टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, रुतुराज गायकवाड़, विराट कोहली, यशस्वी जयसवाल, अजिंक्य रहाणे (उप-कप्तान), केएस भरत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रविंद्र जड़ेजा, शार्दुल ठाकुर, अक्षर पटेल, मो. सिराज, मुकेश कुमार, जयदेव उनादकट, नवदीप सैनी.