उत्तर भारत में मूसलाधार बारिश का कहर सोमवार को भी जारी रहा. दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर गया. इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है.
वहीं, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. नदियां उफान पर हैं. जरूरी सेवाएं प्रभावित हुई हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन व बाढ़ की अलग-अलग घटनाओं में अब तक 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. बारिश से सबसे अधिक हिमाचल प्रदेश प्रभावित है. मनाली में फंसे 20 लोगों को बचा लिया गया, लेकिन राज्य के विभिन्न हिस्सों में 300 और लोग फंसे हुए हैं.
हिमाचल के सीएम ने लोगों से अपील की कि वे बारिश में घरों से बाहर निकलने से बचें, खासकर नदियों और नालों के पास. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में भारी बारिश जारी रहने की चेतावनी दी है. पंजाब के पटियाला में संकट से निबटने के लिए सेना को बुलाना पड़ा़
मध्य प्रदेश के जबलपुर में भेड़ाघाट के पास उफनती नर्मदा नदी में एक टापू पर फंसे चार लोगों को एनडीआरएफ ने 13 घंटे से अधिक समय के अभियान के बाद बचा लिया.
रामबन में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग के एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण सोमवार को लगातार तीसरे दिन जम्मू से आगे की अमरनाथ यात्रा स्थगित रही. जम्मू में, खासकर भगवती नगर आधार शिविर में 6,000 से अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं, जबकि रामबन जिले में चंद्रकोट आधार शिविर पर 5,000 से अधिक यात्री फंसे हुए हैं. वहीं, अमरनाथ जाने के लिए बड़ी संख्या में तीर्थयात्री जम्मू पहुंच रहे हैं.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण कई वाहन मलबे में दब गये जिससे तीन की मौत हो गयी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से स्थिति के बारे में बात की. उन्हें केंद्र सरकार से हर संभव मदद और सहयोग का आश्वासन दिया है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विभिन्न हिस्सों में अत्यधिक बारिश से पैदा हुई स्थिति की वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ हालात की समीक्षा भी की.